$30$ सेमी व्यास का ठोस बेलन $2$ मीटर की ऊँचाई से एक नत तल पर लुढ़काया जाता है। यदि घर्षण के कारण ऊर्जा व्यय नहीं होती है, तो तल के आधार पर इसकी रेखीय चाल .......मीटर/सैकण्ड होगी
$5.29$
$4.1 \times 10^3$
$51$
$55$
दो वस्तुऐं जिनके जड़त्व आघूर्ण $ {I_1} $ तथा $ {I_2} $ हैं ( $ {I_1} > {I_2} $ ) तथा उनके कोणीय वेग समान हैं। यदि उनकी घूर्णन गतिज ऊर्जायें $ {E_1} $ तथा $ {E_2} $ हों, तब
किसी क्षैतिज तल पर, एक ठोस गोला बिना फिसले लुढ़क रहा है। यदि गोले के घूर्णन के अक्ष के परितः इसके कोणीय संवेग का, घूमते हुए गोले की कुल ऊर्जा से अनुपात $\pi: 22$ है, तो इसकी कोणीय चाल का मान___________$\mathrm{rad} / \mathrm{s}$ है।
त्रिज्या $R$ का एक समान वलय एक क्षैतिज सतह पर गति $v$ से चलते हुए $h$ ऊँचाई के एक ढाल जो कि $30^{\circ}$ कोण पर झुकी हुई है पर चढ़ता है. पूरी गति के दौरान वलय कहीं भी फिसलता नहीं है. तब $h$ का मान होगा
किसी घूर्णक (रोटर) की $200\, rad s ^{-1}$ की एकसमान कोणीय चाल बनाए रखने के लिए एक इंजन द्वारा $180$ $N m$ का बल आघूर्ण प्रेषित करना आवश्यक होता है । इंजन के लिए आवश्यक शक्ति ज्ञात कीजिए ।
(नोट : घर्षण की अनुपस्थिति में एकसमान कोणीय वेग होने में यह समाविष्ट है कि बल आघूर्ण शून्य है । व्यवहार में लगाए गए बल आघूर्ण की आवश्यकता घर्षणी बल आघूर्ण को निरस्त करने के लिए होती है ।) यह मानिए कि इंजन की दक्षता $100 \%$ है।
$\mathrm{R}$ त्रिज्या तथा $\mathrm{M}$ द्रव्यमान की एक चकती (डिस्क) $v$ चाल से क्षैतिज दिशा में बिना फिसले लुढ़कती है। इसफे बाद यह ऐक चिकनें जानत तल पर ऊपर की ओर गति करती है जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। चकती द्वारा आनत तल पर चढ़ सकने की अधिकतम ऊँचाई है :