$1$ किग्रा द्रव्यमान व $3$ सेमी त्रिज्या की एक ठोस गोलीय गेंद, एक अक्ष जो इसके केन्द्र से जाती है, के परित: कोणीय वेग $ 50$ रेडियन/सैकण्ड के वेग से घूम रही है। घूर्णन की गतिज ऊर्जा है
$4500 \,J$
$90\, J$
$910\, J$
$ \frac{9}{{20}}J $
द्रव्यमान $M$ व त्रिज्या $R$ वाली एक वृत्ताकार चकती इसकी अक्ष के सापेक्ष कोणीय चाल $\omega_{1}$ से घूर्णन कर रही है। यदि त्रिज्या $\frac{ R }{2}$ व समान द्रव्यमान $M$ वाली एक अन्य चकती को घूर्णन करती चकती पर समाक्षीय रूप से गिराया जाये तो दोनों चकतियाँ धीरे-धीरे नियत कोणीय चाल $\omega_{2}$ प्राप्त कर लेती है। यदि इस प्रक्रिया में ऊर्जा ह्रास, प्रारम्भिक ऊर्जा का $p \%$ हो तो $p$ का मान होगा ......।
एक ठोस गोला लोटन गति में है । लोटन गति में वस्तु की स्थानान्तरीय गतिज ऊर्जा $\left( K _{ t }\right)$ के साथ-साथ घूर्णी गतिज ऊर्जा $\left( K _{ r }\right)$ भी होती है । गोले के लिए $K _{ t }:\left( K _{ t }+ K _{ r }\right)$ का अनुपात होगा
$50 \,gm$ द्रव्यमान एवं $20$ सेमी व्यास का एक गोला $5\, cm/sec$ के वेग से बगैर फिसले लुढ़क रहा है। इसकी कुल गतिज ऊर्जा होगी
$30$ सेमी व्यास का ठोस बेलन $2$ मीटर की ऊँचाई से एक नत तल पर लुढ़काया जाता है। यदि घर्षण के कारण ऊर्जा व्यय नहीं होती है, तो तल के आधार पर इसकी रेखीय चाल .......मीटर/सैकण्ड होगी
दो दृढ़ पिण्ड $ A $ तथा $ B $ क्रमश: $ {E_A} $ एवं $ {E_B} $ घूर्णन गतिज ऊर्जाओं के साथ घूर्णन करते है। घूर्णन अक्ष के परित: $ A $ व $ B $ के जडत्व आघूर्ण क्रमश: $ {I_A} $ एवं $ {I_B} $ हैं। यदि $ {I_A} = \frac{{{I_B}}}{4} $ तथा $ {E_A} = 100{E_B} $ हो तो $ A $ के कोणीय संवेग $ ({L_A}) $ एवं $B$ के कोणीय संवेग $ ({L_B}) $ का अनुपात है