एक ठोस गोला, खोखला गोला तथा वलय, घर्षण विहीन नत समतल के उच्च बिन्दु से छोड़ दिए जाते है, जिससे वे तल पर नीचे की ओर फिसलते है। तल के अनुदिश नीचे की ओर त्वरण का मान किसके लिए अधिकतम है
ठोस गोला
खोखला गोला
वलय
सभी के लिए समान
$M$ द्रव्यमान तथा $r$ त्रिज्या की एक पतली वृत्ताकार वलय नियत कोणीय वेग $ \omega $ से घूम रही है। वलय के व्यास के दोनों सिरों पर दो कण, प्रत्येक $m$ द्रव्यमान का, जोड़ दिये जाते हैं। वलय का कोणीय वेग अब होगा
एक अर्द्धवृत्तीय वलय का उसके केन्द्र से होकर जाने वाले तथा उसके तल के लम्बवत् अक्ष के परित: जड़त्व आघूर्ण होगा
$ M $ द्रव्यमान एवं $ R $ त्रिज्या का एक ठोस गोला $ L $ लम्बाई तथा $ h $ ऊँचाई के नत सतमल पर बिना फिसले नीचे की ओर लुढ़क रहा है। तली पर पहुंचने पर इसके द्रव्यमान केन्द्र का वेग होगा
$20\,gm,\,30\,gm$ एवं $50\,gm$ द्रव्यमान वाले तीन कणों के वेग क्रमश: $10\,\hat i,\,\,10\hat j$ एवं $\,10\,\hat k$ हैं। इन तीन कणों के द्रव्यमान-केन्द्र का वेग है
$ 10 $ सेमी त्रिज्या तथा $ 500 $ ग्राम द्रव्यमान का एक ठोस गोला $ 20 $ $ cm/\sec $ के वेग से बिना फिसले लुढ़क रहा है। गोले की कुल गतिज ऊर्जा है