एक $100\, W$ सोडियम बल्ब (लैंप) सभी दिशाओं में एकसमान ऊर्जा विकिरित करता है। लैंप को एक ऐसे बड़े गोले के केंद्र पर रखा गया है जो इस पर आपतित सोडियम के संपूर्ण प्रकाश को अवशोषित करता है। सोडियम प्रकाश का तरंगदैर्घ्य $589\, nm$ है। $(a)$ सोडियम प्रकाश से जुड़े प्रति फ़ोटॉन की ऊर्जा कितनी है? $(b)$ गोले को किस दर से फ़ोटॉन प्रदान किए जा रहे हैं?
$P =100 \,W$
$\lambda=589 \,nm$
$(a)$ Energy per photon $=h c / \lambda$ $=3.37 \times 10^{-19} \,J$
$(b)$ No. of photons per $= P / E$ $=3 \times 10^{20}$ Photons/ second
एक $2 \,mW$ लेजर की तरंगदैर्ध्य $500\, nm$ है। इससे निकलने वाले प्रति सेकण्ड फोटॉनों की संख्या होगी।
[दिया है, प्लांक नियतांक $h =6.6 \times 10^{-34} \,Js$, प्रकाश की चाल $c =3.0 \times 10^{8} \,m / s$ ]
प्रकाश विद्युत प्रभाव के प्रयोग में एक बिन्दु प्रकाश स्रोत प्रयोग में लाया जाता है। प्रकाश विद्युत धारा $(i)$ एवं स्रोत की उत्सर्जक से दूरी $(d)$ के मध्य खींचा गया वक्र निम्न में से कौनसा होगा
$\lambda $ तरंगदैध्र्य के फोटॉन का संवेग होगा
पृथ्वी के पृष्ठ पर पहुँचने वाला सूर्य-प्रकाश का ऊर्जा-अभिवाह ( फ्लक्स ) $1.388 \times 10^{3}$ $W / m ^{2}$ है। लगभग कितने फ़ोटॉन प्रति वर्ग मीटर प्रति सेकंड पृथ्वी पर आपतित होते हैं? यह मान लें कि सूर्य-प्रकाश में फ़ोटॉन का औसत तरंगदैर्घ्य $550\, nm$ है।