$600 \mathrm{pF}$ वाले एक संधारित्र को $200 \mathrm{~V}$ के स्रोत से आवेशित किया जाता है। फिर इसे स्रोत से हटा दिया जाता है और किसी दूसरे $600 \mathrm{pF}$ धारिता वाले अनावेशित संधारित्र से जोड़ दिया जाता है। इस प्रक्रिया में स्थिर वैद्युत ऊर्जा में कमी__________$\mu \mathrm{J}$ की होगी।
$6$
$5$
$4$
$3$
प्रत्येक आवेशित संधारित्र में ऊर्जा रहती है
एक समांतर पट्टीकीय संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी $d$ और प्लेटों का अनुप्रस्थ परिच्छेदित क्षेत्रफल $A$ है। इसे आवेशित कर प्लेटों के बीच का अचर विधुतीय क्षेत्र $E$ बनाना है। इसे आवेशित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा होगी
एक समान्तर प्लेट संधारित्र बैटरी से जुड़ा है। इसकी प्लेटों को एकसमान चाल से दूर की ओर खींचा जाता है। यदि प्लेटों के बीच अन्तराल $x$ है, तो संधारित्र की स्थितिज ऊर्जा की समय के साथ परिवर्तन की दर निम्न में से किसके समानुपाती है
समान आकार के दो संधारित्रों की धारिता एक समान $\mathrm{C}$ है। उनमें से एक को $\mathrm{V}$ विभव तक तथा दूसरे को $2 \mathrm{~V}$ विभव तक आवेशित किया जाता है। दोनों के ऋणात्मक सिरों को एक साथ जोड़ दिया जाता है। जब दोनों धनात्मक सिरे जोड़ दिये जायें तो संयोजित निकाय की ऊर्जा में हानि है :
$C$ धारिता वाले एक समान्तर प्लेट धारित्र को $V$ विभव की बैटरी से समान्तर क्रम में जोड़ा गया है, अब धारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी को एकाएक आधा कर दिया गया। यह मानकर कि दूरी घटाने पर संधारित्र में आवेश वही बना रहा, तो धारित्र को अन्तिम विभव $V$ पर दुबारा आवेशित करने के लिये बैटरी द्वारा दी गई ऊर्जा होगी