$16 \Omega$के तार को जोड़कर एक वर्णकार लुग  बनाया गया है। $1 \Omega$ आन्तरिक प्रतिरोध की एक $9 \mathrm{~V}$ की बैटरी से इसकी एक भुजा से जोड़ा जाता है। यदि $4 \mu \mathrm{F}$ का एक संधारित्र इसके विकर्ण से जोड़ा गया हो तो संधारित्र में संचित $\frac{x}{2} \mu \mathrm{J}$ ऊर्जा होगी। जहाँ $\mathrm{x}=$. . . . . . . .

  • [JEE MAIN 2024]
  • A

    $52$

  • B

    $42$

  • C

    $81$

  • D

    $12$

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चिकित्सा में उपयोगी डीफिब्रिलेटर (दिल की धड़कनों को सामान्य बनाने वाला उपकरण) में लगा $40$ $\mu F$  धारिता वाला संधारित्र $3000\,V$ तक आवेशित किया गया है। संधारित्र में संचित ऊर्जा $2\,ms$ अंतराल के स्पंदन (Pulse) द्वारा मरीज को दी जाती है। मरीज को दी गई शक्ति ......$kW$ होगी

  • [AIIMS 2004]

एक संधारित्र की क्षमता $4 \times {10^{ - 6}}$ फैराड है और इसका विभव $100$ वोल्ट है। इसे पूर्ण अनावेशित करने पर व्यय ऊर्जा ........जूल होगी

  • [AIIMS 1980]

धातु के एक गोले से उत्पत्र विद्युत क्षेत्र में संचित ऊर्जा का मान $4.5 \;J$ है। यदि गोले में निहित आवेश $4 \mu C$ हो तो उसकी त्रिज्या का मान होगा : [दिया है : $\left.\frac{1}{4 \pi \varepsilon_{0}}=9 \times 10^{9}\; N - m ^{2} / C ^{2}\right]$

  • [JEE MAIN 2017]

${R_1}$ एवं ${R_2}$ त्रिज्या के दो गोले, जिन पर आवेश क्रमश: ${Q_1}$ और ${Q_2}$ है, परस्पर संबंधित किये गये हैं, तब निकाय की ऊर्जा में

एक $C$ धारिता वाले धारित्र का आवेश $Q$ और संचित ऊर्जा $W$ है। यदि उसका आवेश बढ़ाकर $2Q$ कर दिया जाये, तो संचित ऊर्जा होगी