$700\,pF$ धारिता का एक संधारित्र $50\,V$ की बैटरी द्वारा आवेशित किया जाता है। इसमें संचित स्थिर वैद्युत ऊर्जा होगी
$17.0 \times {10^{ - 8}}\,J$
$13.6 \times {10^{ - 9}}\,J$
$9.5 \times {10^{ - 9}}\,J$
$8.7 \times {10^{ - 7}}\,J$
$C$ धारिता के संधारित्र में संचित ऊर्जा क्या होगी, जबकि उसका विभव $V$ तक बढ़ाया जाये
${C_0}$ धारिता के समान्तर प्लेट संधारित्र को ${V_0}$ वोल्ट तक आवेशित किया गया है
$(i)$ बैटरी हटा कर प्ले$\frac{{{q^2}}}{{2C}}$टों के बीच दूरी दुगनी करने पर संचित ऊर्जा ${E_1}$ है।
$(ii)$ बैटरी बिना हटाये प्लेटों के बीच दूरी दुगनी करने पर संचित ऊर्जा ${E_2}$ है। तो ${E_1}/{E_2}$ का मान है
$600 \mathrm{pF}$ वाले एक संधारित्र को $200 \mathrm{~V}$ के स्रोत से आवेशित किया जाता है। फिर इसे स्रोत से हटा दिया जाता है और किसी दूसरे $600 \mathrm{pF}$ धारिता वाले अनावेशित संधारित्र से जोड़ दिया जाता है। इस प्रक्रिया में स्थिर वैद्युत ऊर्जा में कमी__________$\mu \mathrm{J}$ की होगी।
संधारित्र के मध्य ऊर्जा रहती है
किसी पूर्णत: आवेशित संधारित्र की धारिता $‘C’$ है। इस संधारित्र का विसर्जन प्रतिरोधी तार की बनी किसी ऐसी छोटी कुण्डली से होकर किया जाता है, जो द्रव्यमान $‘m’$ तथा विशिष्ट ऊष्माधारिता $'s'$ के किसी ऊष्मारोधी गुटके में अंत: स्थापित है। यदि गुटके के ताप में वृद्धि ‘$\Delta T$’ है, तो संधारित्र के सिरों के बीच विभवान्तर है