एक कैथोड किरणों के पुंज का वेग $5 \times {10^6}\,m{s^{ - 1}}$ है, यह एक स्थान जिसमें विद्युत व चुम्बकीय क्षेत्र परस्पर लम्बवत् हैं, प्रवेश करता है तथा अविक्षेपित निकलता है। यदि $| B |=0.02\; T$, हो तब विद्युत क्षेत्र का परिमाण है

  • A

    ${10^5}\,V{m^{ - 1}}$

  • B

    $2.5 \times {10^8}\,V{m^{ - 1}}$

  • C

    $1.25 \times {10^{10}}\,V{m^{ - 1}}$

  • D

    $2 \times {10^3}\,V{m^{ - 1}}$

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एक $\alpha$-कण $1.2$ $बेवर/मीटर^2$ के चुम्बकीय क्षेत्र में $0.45\;m$ की त्रिज्या क व्त्ताकार पथ में घूम रहा है। यदि इसका वेग $2.6 \times {10^7}m/s$ हो तो $\alpha$-कण का परिभ्रमण काल होगा

एक प्रोटॉन पूँज एकसमान विघुत क्षेत्र में, क्षेत्र से $60^{\circ}$ के कोण पर चाल $4 \times 10^{5}\, ms$ से प्रवेश करता है। परिणामी हेलिकल पथ के पीच का सन्निकट मान है (प्रोटॉन का द्रव्यमान $=1.67 \times 10^{-27}\, kg$, प्रोटॉन का आवेश $\left.=1.69 \times 10^{-19} \,C \right)$

  • [JEE MAIN 2020]

एक इलेक्ट्रॉन एवं एक प्रोटॉन समान संवेग से किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में अभिलम्बवत् प्रवेश करते है, तो

  • [AIEEE 2002]

दो आयनों, जिनके द्रव्यमानों का अनुपात $1:1$ एवं आवेशों का अनुपात $II$ $1 : 2$ है, को एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् प्रक्षेपित किया जाता है। इनकी चालों का अनुपात $2 : 3$ है। दोनों कणों द्वारा बनाये गये वृत्तीय पथोंं की त्रिज्याओं का अनुपात होगा

एक आवेशित कण $v$ वेग से $B$ तीव्रता के चुम्बकीय क्षेत्र में गति करता है। कण पर आरोपित चुम्बकीय बल होगा