एक इलेक्ट्रॉन (जिसका द्रव्यमान $9 \times {10^{ - 31}}\,kg$ एवं आवेश $1.6 \times {10^{ - 19}}C$) ${10^6}\,m/s$ के वेग से चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। यदि यह $0.10\, m$ त्रिज्या का वृत्त बनाता है, तो चुम्बकीय क्षेत्र का मान होगा
$1.8 \times {10^{ - 4}}\,T$
$5.6 \times {10^{ - 5}}\,T$
$14.4 \times {10^{ - 5}}\,T$
$1.3 \times {10^{ - 6}}\,T$
$1 \times 10^{-4} Wbm ^{-2}$ के पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् दिशा में $0.1 keV$ ऊर्जा का एक इलेक्ट्रॉन चलता है। इलेक्ट्रॉन के परिक्रमण की आवृत्ति होगी: (माना इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान $=9.0 \times 10^{-31} kg$ )
एक आयताकार क्षेत्र $ABCD$ में इसके तल के लम्बवत एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र, $B _0$ है $\mid AB$ भुजा के लम्बवत आवेशित कणों की एक पतली धारा इस क्षेत्र में गुजरते हुए $30^{\circ}$ कोण से विक्षेपित हो कर संलग्न भुजा $BC$ से बाहर निकल जाती है। यदि विक्षेप कोण को बढ़ा कर $60^{\circ}$ करना हो, तो चुम्बकीय क्षेत्र का मान क्या होगा ?
एक प्रोटॉन, एक ड्यूट्रॉन एवं एक $\alpha - $ कण एकसमान गतिज ऊर्जा से एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में वृत्तीय पथों पर गति कर रहे हैं। यदि ${r_p},\,{r_d}$ तथा ${r_\alpha }$ इनके पथों की त्रिज्यायें हैं तो
$2.0 \mathrm{eV}$ गतिज ऊर्जा से एक प्रोटॉन $\frac{\pi}{2} \times 10^{-3} \mathrm{~T}$ परिमाण के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र के परिसर में गति करता है। चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा एवं प्रोटॉन के वेग के बीच का कोण $60^{\circ}$ है। प्रोटॉन द्वारा तय किये गये हेलीकल पथ की पिच_________$\mathrm{cm}$ है (लिया है, प्रोटॉन का द्रव्यमान $=1.6 \times 10^{-27} \mathrm{~kg}$ एवं प्रोटॉन का आवेश $=1.6 \times 10^{-19} \mathrm{C}$ ).
एक प्रोटॉन जिसकी ऊर्जा $200\, MeV$ है। $5 \,T$ के चुम्बकीय क्षेत्र मे प्रवेश करता है। यदि क्षेत्र की दिशा दक्षिण से उत्तर की ओर है एवं आवेश के गति की दिशा ऊपर की ओर हो तो इस पर कार्यरत बल होगा