एक इलेक्ट्रॉन (जिसका द्रव्यमान $9 \times {10^{ - 31}}\,kg$ एवं आवेश $1.6 \times {10^{ - 19}}C$) ${10^6}\,m/s$ के वेग से चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। यदि यह $0.10\, m$ त्रिज्या का वृत्त बनाता है, तो चुम्बकीय क्षेत्र का मान होगा
$1.8 \times {10^{ - 4}}\,T$
$5.6 \times {10^{ - 5}}\,T$
$14.4 \times {10^{ - 5}}\,T$
$1.3 \times {10^{ - 6}}\,T$
द्रव्यमान संख्या $A_M$ के एक धनात्मक एकल आयनित (singly ionized) परमाणु को विरामावस्था से, विभवान्तर $192 \ V$ द्वारा त्वरित किया जाता है जिसके बाद वह एक चुम्बकीय क्षेत्र, $\vec{B}_0=0.1 \hat{k}$ Tesla, युक्त $w$ चौड़ाई के एक आयताकार क्षेत्र में, चित्रानुसार प्रवेश करता है| अंततः यह आयन एक संसूचक (detector) पर अपने आरंभिक पथ से नीचे दूरी $x$ पर टकराता है|
[दिया है: न्यूट्रॉन/प्रोटोन का द्रव्यमान $=(5 / 3) \times 10^{-27} kg$, इलेक्ट्रान का आवेश $=1.6 \times 10^{-19} C$ ]
निम्न में से कौन सा/से विकल्प सही है (हैं)?
$(A)$ $H^{+}$आयन के लिए $x$ का मान $4 cm$ है।
$(B)$ $A_{ M }=144$ के आयन के लिए $x$ का मान $48 cm$ है|
$(C)$ $1 \leq A_M \leq 196$ के आयनों को संसूचित करने के लिए संसूचक की ऊंचाई $\left(x_1-x_0\right)$ का न्यूनतम मान
$55 cm$ है
$(D)$ $A_{ M }=196$ के आयन को संसूचित करने के लिए चुम्बकीय क्षेत्र वाले आयत की न्यूनतम चौड़ाई $w$ का मान $56 cm$ है।
एक इलैक्ट्रॉन धनात्मक $\mathrm{x}$-अक्ष के अनुदिश गति कर रहा है। यदि गतिमान आवेश पर ऋणात्मक $\mathrm{z}$-अक्ष के समान्तर एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र आरोपित किया जाता हैं, तब
$A$. इलैक्ट्रॉन धनात्मक $y$-अक्ष के अनुदिश चुम्बकीय बल का अनुभव करेगा।
$B$. इलैक्ट्रॉन ॠणात्मक $\mathrm{y}$-अक्ष के अनुदिश चुम्बकीय बल का अनुभव करेगा।
$C$. इलैक्ट्रॉन चुम्बकीय क्षेत्र में किसी बल का अनुभव नही करेगा।
$D$. इलैक्ट्रॉन धनात्मक $\mathrm{x}$-अक्ष के अनुदिश लगातार गति करेगा।
$E$. इलैक्ट्रॉन चुम्बकीय क्षेत्र में वृत्ताकार पथ के अनुदिश गति करेगा।
नीचे दिये गये विकल्पों से सही उत्तर चुनिए:
एक इलेक्ट्रॉन $B$ तीव्रता के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में ${10^8}\,m/\sec $ की चाल से क्षेत्र के लम्बवत् गमन करता है। अचानक क्षेत्र की तीव्रता $B/2$ घट कर रह जाती है। पथ की प्रारम्भिक त्रिज्या $r$ का मान अब हो जायेगा
त्रिज्या $\mathrm{r}_{\mathrm{A}}=10 \mathrm{~cm}$ एवं $\mathrm{r}_{\mathrm{B}}=20 \mathrm{~cm}$ वाली दो अच्छी तरह कसी हुई वृत्ताकार कुंडलियों क्रमशः $\mathrm{A}$ एवं $\mathrm{B}$ में निहित चुम्बकीय आघूर्ण बराबर होगें यदि : (जहाँ $\mathrm{N}_{\mathrm{A}}, \mathrm{I}_{\mathrm{A}}$ तथा $\mathrm{N}_{\mathrm{B}}, \mathrm{I}_{\mathrm{B}}$ क्रमशः कुंडली $A$ एवं $B$ में घेरों की संख्या एवं धारा है)
यदि एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र की लम्बवत् दिशा में $v$ वेग से एक प्रोटॉन प्रक्षेपित किया जाता है तथा एक इलेक्ट्रॉन बल रेखाओं की दिशा में प्रक्षेपित किया जाता है तो