$1 \,kg$ संहति के किसी गुटके को एक कमानी से बाँधा गया है । कमानी का कमानी स्थिरांक $50 \,N\, m ^{-1}$ है । गुटके को उसकी साम्यावस्था की स्थिति $x=0$ से $t=0$ पर किसी घर्षणहीन पृष्ठ पर कुछ दूरी $x=10 \,cm$ तक खींचा जाता है । जब गुटका अपनी माध्य-र्थिति से $5\, cm$ दर है, तब उसकी गतिज, स्थितिज तथा कुल ऊर्जाएँ परिकलित कीजिए ।
The block executes $SHM$, its angular frequency, as given
$\omega =\sqrt{\frac{k}{m}}$
$=\sqrt{\frac{50\, N m ^{-1}}{1 \,kg }}$
$=7.07 \,rad\, s ^{-1}$
Its displacement at any time t is then given by,
$x(t)=0.1\, \cos (7.07\, t)$
Therefore, when the particle is $5\; cm$ away from the mean position, we have
$0.05=0.1 \,\cos\, (7.07\, t)$
$\cos (7.07\, t)=0.5$ and hence
$\sin (7.07 \,t)=\frac{\sqrt{3}}{2}=0.866$
Then, the velocity of the block at $x=5 \,cm$ is
$=0.1 \times 7.07 \times 0.866 \,m s ^{-1}$
$=0.61\, m s ^{-1}$
Hence the $K.E.$ of the block.
$=\frac{1}{2} m v^{2}$
$=1 / 2\left[1\, kg \times\left(0.6123 \,m s ^{-1}\right)^{2}\right]$
$=0.19 \,J$
The $P.E$. of the block,
$=\frac{1}{2} k x^{2}$
$=1 / 2\left(50 \,N m ^{-1} \times 0.05\, m \times 0.05\, m \right)$
$=0.0625 \,J$
The total energy of the block at $x=5\, cm$
$= K.E. + P.E.$
$=0.25 \;J$
we also know that at maximum displacement. $K.E.$ is zero and hence the total energy of the system is equal to the $P.E.$ Therefore, the total energy of the system.
$=1 / 2\left(50 \,N m ^{-1} \times 0.1 \,m \times 0.1 \,m \right)$
$=0.25 J$
which is same as the sum of the two energies at a displacement of $5\; cm$. This is in conformity with the principle of conservation of energy
यदि दो सर्वसम कमानियों, जिनमें प्रत्येक का कमानी स्थिरांक $K _{1}$ हैं, को श्रेणी में संयोजित किया गया है, तो नया कमानी स्थिरांक और आवर्तकाल किस गुणांक से परिवर्तित होंगे ?
दो द्रव्यमान $M _{ A }$ तथा $M _{ B }$ को दो तारों, जिनकी लम्बाइयां $L _{ A }$ तथा $L _{ B }$ है, से लटकाने पर सरल आवर्तगतियां करते है। यदि इनकी आवर्तियों में संबंध $f _{ A }=2 f _{ B }$ हो तो
निम्नांकित चित्र स्प्रिंग तुला के निचले पलड़े पर रखे गये विभिन्न द्रव्यमानों $M$ तथा प्राप्त दोलन काल के वर्ग $T{^2}$ के मध्य है। ग्राफ में सरल रेखा का मूल बिन्दु से न निकलने का कारण हो सकता है
चित्र में दर्शाए अवमदित दोलक के लिए गुटके का द्रव्यमान $m=200\, g . k =90\, N\, m ^{-1}$ तथा अवमंदन स्थिरांक $b=40 g s ^{-1}$ है ।
$(a)$ दोलन का आवर्तकाल.
$(b)$ वह समय जिसमें इसके कंपन का आयाम अपने आरंभिक मान का आधा रह जाता है तथा
$(c)$ वह समय जिसमें यांत्रिक ऊर्जा अपने आरंभिक मान की आधी रह जाती है, परिकलित कीजिए
किसी स्प्रिंग से भार लटकाने पर इसकी लम्बाई में वृद्धि $x$ है यदि स्प्रिंग में उत्पन्न तनाव $T$ एवं इसका बल नियतांक $K$ हो तो स्प्रिंग में संचित ऊर्जा है