विराम में स्थित एक वस्तु $3$ भागों में टूट जाती है। यदि समान द्रव्यमान के दो भाग एक दूसरे के लम्बवत् $12\,m/s$ के वेग से गतिमान हो, तो तीसरे भाग का वेग क्या होगा जिसका द्रव्यमान प्रत्येक भाग का $3$ गुना है
$4\sqrt 2 \,m/s$, प्रत्येक भाग से ${45^o}$ के कोण पर
$24\sqrt 2 \,\,m/s$, प्रत्येक भाग से ${135^o}$ के कोण पर
$6\sqrt 2 \,m/s,$ प्रत्येक भाग से ${135^o}$ के कोण पर
$4\sqrt 2 \,m/s,$ प्रत्येक भाग से ${135^o}$ के कोण पर
$3$ मीटर लम्बाई तथा $3$ किग्रा द्रव्यमान की एक समान चेन, चिकनी टेबल पर, $2$ मीटर टेबल पर रहते हुए प्रलंबन करती है। यदि टेबल से पूर्णतया खिसक जाने पर चेन की जूल में गतिज ऊर्जा $k$ हो, तो $k$ का मान......... है। $\left( g =10 \;m / s ^{2}\right.$ लीजिए $)$
चित्र में कुछ एकविमीय स्थितिज ऊर्जा-फलनों के उदाहरण दिए गए हैं। कण की कुल ऊर्जा कोटि-अक्ष पर क्रॉस द्वारा निर्देशित की गई है। प्रत्येक स्थिति में, कोई ऐसे क्षेत्र बताइए, यदि कोई हैं तो, जिनमें दी गई ऊर्जा के लिए, कण को नहीं पाया जा सकता। इसके अतिरिक्त, कण की कुल न्यूनतम ऊर्जा भी निर्देशित कीजिए। कुछ ऐसे भौतिक संद्भो के विषय में सोचिए जिनके लिए ये स्थितिज ऊर्जा आकृतियाँ प्रासंगिक हों।
चित्र में दिखाए अनुसार, तीन गेंदे $A , B$ और $C$, छोड़े जाने पर बिंदु $X$ पर पहुंचती हैं. चित्रानुसार गेंदों $A$ और $B$ को एकसमान संरचनाओं, जिसमें एक भूमि तल (ground) पर रखा है और दूसरा $h$ ऊँचाई पर है से छोड़ा जाता है. बिंदु $X$ तक पहुँचने में उन्हें क्रमशः $t_A$ और $t_B$ समय लगता है (समय तब शुरू होता है जब गेंदे संरचना के क्षैतिज हिस्से के अंत को छोड़ती हैं). गेंद $C$, को बिंदु $X$ से उर्धव्वाधर $h$ ऊंचाई से छोड़ा जाता है और यह $X$ तक पहुँचने में $t_c$ समय लेता है. इस आधार पर सही विकल्प का चुनाव कीजिए.
$m$ द्रव्यमान का एक कण प्रारम्भिक गतिज उर्जा, $K$, से चलते हुए $x =+\infty$ से मूल बिन्दु के समीप आ रहा है | मान लीजिए कि उस पर एक संरक्षी (conservative) बल लगता है, जिसकी स्थितिज उर्जा $V ( x )$ निम्न समीकरण से दर्शायी गयी है
$V ( x )=\frac{ K }{\exp \left(3 x / x _0\right)+\exp \left(-3 x / x _0\right)}$
जहाँ $x _0=1 m$ है $\mid$ तब $x =0$ पर कण की चाल क्या होगी ?
चित्र में दिखाए गये घर्षणरहित पथ $AOC$ पर $1 \,kg$ द्रव्यमान का एक कण बिन्दु $A$ (ऊँचाई $2$ मीटर) से विरामावस्था से शुरू होकर नीचे की ओर फिसलता है। बिन्दु $C$ पर पहुँचने के बाद यह पर प्रक्षेप्य (projectile) की तरह हवा में चलते रहता है। जब यह अपने उच्चतम बिन्दु $P$ (ऊँचाई $1$ मीटर) पर पहुँचेगा, तो इसकी गतिज ऊर्जा ( $J$ में) का मान होगा: (दिखाया गया चित्र सांकेतिक है; $g$ का मान $10 \,ms ^{-2}$ लें)