एक वस्तु किसी द्रव की सतह पर ठीक तैर रही है। वस्तु का घनत्व द्रव के घनत्व के समान है। वस्तु थोड़ी सी द्रव में (नीचे) धकेली जाती है। वस्तु पर क्या प्रभाव पड़ेगा

  • [AIIMS 1980]
  • A

    वह धीरे-धीरे पूर्वावस्था प्राप्त कर लेगी

  • B

    वह वहीं रह जाएगी जहाँ तक उसे धकेला गया है

  • C

    वह डूब जाएगी

  • D

    तेजी से बाहर आ जाएगी

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बाल्टी में तैरते हुए, एक लकड़ी के गुटके के आयतन का $\frac{4}{5}$ भाग पानी में डूबा हुआ है। जब बाल्टी में कुछ तेल डालते हैं तो पाया जाता है कि गुटका तेल की सतह से ठीक नीचे तथा इसका आधा हिस्सा तेल के अन्दर तथा आधा पानी के अन्दर है। पानी के सापेक्ष तेल का घनत्व होगा?

  • [JEE MAIN 2019]

लकड़ी का एक लट्ठा जल में इस प्रकार ऊध्र्वाधर तैर रहा है कि उसकी आधी लम्बाई जल में हैं। तो लकड़ी का घनत्व

स्प्रिंग तुला $A$ पर जब $m$ द्रव्यमान का पिण्ड लटकाया जाता है तब उसका पाठ $2$ किग्रा आता है। एक तुला $B$ बीकर में भरे जल का पाठ $5$ किग्रा पढ़ती है, जब बीकर को तुला के पलड़े पर रखा जाता है। अब इन दोनों को इस प्रकार व्यवस्थित किया जाता है कि द्रव्यमान $m$ पूर्ण रुप से पानी में डूब जाये जैसा चित्र में दिखाया गया है। इस स्थिति में

  • [IIT 1985]

किसी पात्र में पारे (घनत्व $ = 13.6 gm/cm^3$) के ऊपर तेल (घनत्व $= 0.8 gm/cm^3$) भरा है। एक समांगी गोला इसमें इस प्रकार तैर रहा है कि उसका आधा आयतन पारे व आधा तेल में डूबा है। गोले के पदार्थ का घनत्व $gm/cm^3$  में होगा

  • [IIT 1998]

एक त्रिज्या $R$ त्रिज्या घनत्व $\rho$ वाले ठोस गोलक को एक द्रव्यमान रहित स्प्रिंग के एक सिरे से जोड़ा गया है। इस स्प्रिंग का बल नियतांक $k$ है। स्प्रिंग के दूसरे सिरे को दूसरे ठोस गोलक से जोड़ा गया है जिसकी त्रिज्या $R$ व घनत्व $3 p$ है। पूर्ण विन्यास को $2 p$ घनत्व के द्रव में रखा जाता है और इसको साम्यावस्था में पहुँचने दिया जाता है। सही प्रकथन है/हैं -

$(A)$ स्प्रिंग की नेट दैर्ध्यवृद्धि $\frac{4 \pi R ^3 \rho g }{3 k }$ है।

$(B)$ स्प्रिंग की नेट दैर्ध्यवृद्धि $\frac{8 \pi R^3 \rho g }{3 k }$ है।

$(C)$ हल्का गोलक आंशिक रूप से डूबा हुआ है।

$(D)$ हल्का गोलक पूर्ण रूप से डूबा हुआ है।

  • [IIT 2013]