एक संधारित्र दो वर्गाकार प्लेटों (आकार $a \times a$ ) से बना है। प्लेटों के बीच एक बहुत छोटा कोण ' $\alpha$ ' है जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। इस संधारित्र की विधुत धारिता निम्न में से किसके निकटतम होगी ?
$\frac{\varepsilon_{0} a^{2}}{d}\left(1-\frac{3 \alpha a}{2 d}\right)$
$\frac{\varepsilon_{0} a^{2}}{d}\left(1-\frac{\alpha a}{4 d}\right)$
$\frac{\varepsilon_{0} {a}^{2}}{\mathrm{d}}\left(1+\frac{\alpha {a}}{\mathrm{d}}\right)$
$\frac{\varepsilon_{0} a^{2}}{d}\left(1-\frac{\alpha a}{2 d}\right)$
$1/9\,F$ धारिता वाले एक धात्विक गोले की त्रिज्या होगी
$64$ बूदों को मिलाकर एक बड़ी बूँद बनायी गयी है। यदि प्रत्येक छोटी बूँद की धारिता $C$, विभव $V$ तथा आवेश $q$ है तो बड़ी बूँद की धारिता है
दो संकेंद्री गोलीय चालकों जिनको उपयुक्त विध्यूतरोधी आलंबों से उनकी स्थिति में रोका गया है, से मिलकर एक गोलीय संधारित्र बना है ( चित्र )। दर्शाइए कि गोलीय संधारित्र की धारिता $C$ इस प्रकार व्यक्त की जाती है :
$C=\frac{4 \pi \varepsilon_{0} r_{1} r_{2}}{r_{1}-r_{2}}$
यहाँ $r_{1}$ और $r_{2}$ क्रमशः बाहरी तथा भीतरी गोलों की त्रिज्याएँ हैं।
दो एकसमान आवेशित गोलाकार बूँदे मिलकर एक बड़ी बूदी बनाती हैं। यदि प्रत्येक बूँद की धारिता $C$ है तो बड़ी बूँद की धारिता
$C$ धारिता पर $V$ विभव की $64$ बूँदें मिलाकर एक बड़ी बूँद बनायी जाती है। यदि प्रत्येक छोटी बूँद पर $q$ आवेश हो, तो बड़ी बूँद पर आवेश होगा