एक आवेश $v$ वेग से $X$-अक्ष की दिशा मे गति कर रहा है चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा ऋण $X$-अक्ष की दिशा में है परिणामस्वरुप
आवेश अप्रभावित रहेगा
आवेश $Y-Z$ तल में वृत्तीय पथ के अनुदिश गति करना प्रारम्भ करेगा
आवेश $X$-अक्ष के अनुदिश मंदित होगा
$X$-अक्ष के चारों ओर हेलिकल पथ पर गति करेगा
एक आवेशित कण पर आवेश का मान $-2 \mu C$ है। यह $y$ दिशा में क्रियाकारी $2 \,T$ के चुम्बकीय क्षेत्र में वेग $(2 \hat{ i }+3 \hat{ j }) \times 10^{6} ms ^{-1}$ से चल रहा हो तो इस पर क्रियाकारी चुम्बकीय बल होगा
एक $8\, eV$ ऊर्जा का प्रोटॉन एक समरूप चुम्बकीय क्षेत्र में वृत्तीय पथ पर गति कर रहा है। एक $a$ कण जो समान चुम्बकीय क्षेत्र में समान पथ पर गति कर रहा है। इसकी ऊर्जा......$eV$ होगी
एक धात्विक गुटके को जिसमें से विद्युत धारा $I$ प्रवाहित हो रही है, एक समांगी प्रेरण $B$ में रख दिया गया है। गतिमान आवेशों पर लगने वाला बल $F$ है। परिणामत: गुटके के तल (Face) ........ के विभव में कमी आ जाती है (आवेशों का वेग $v$ मान लें)
एक स्थान में एकसमान विधुत-क्षेत्र $\vec{E}=E_0 \hat{j}$ और एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $\vec{B}=B_0 \hat{j}$ एक साथ स्थित है। इस स्थान में एक $\varepsilon$ नात्मक बिंदु आवेश की गति पर विचार करें। समय $t=0$ पर इस आवेश का वेग $x-y$ तल में $\vec{v}$ है, जो $X$-अक्ष से $\theta$ कोण बनाता है तब $t > 0$ के लिये कौनसा विकल्प सही है।/है ?
$(A)$ यदि $\theta=0^{\circ}$, तब आवेश $x-z$ तल में वत्तीय-पथ पर घूमता है।
$(B)$ यदि $\theta=0^{\circ}$, तब आवेश $y$-अक्ष की दिशा में कुंडलिनी-पथ पर चलता है व कुंडलिनी का पिच अपरिवर्तित रहता है।
$(C)$ यदि $\theta=10^{\circ}$, तब आवेश $y$-अक्ष की दिशा में कुंडलिनी-पथ पर चलता है व कुंडलिनी का पिच समय के साथ बढ़ता रहता है।
$(D)$ यदि $\theta=90^{\circ}$, तब आवेश $y$-अक्ष की दिशा में रेखीय परंतु त्वरण के साथ गति करता है।
पूर्व की दिशा में गति करता हुआ एक इलेक्ट्रॉन उत्तर दिशा में कार्यरत् चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। इलेक्ट्रॉन पर लगने वाले बल की दिशा होगी