एक इलेक्ट्रॉन एक प्रोटॉन एवं एक अल्फा कण किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $B$ में क्रमशः $r_{e}, r_{p}$ एवं $r_{\alpha}$ त्रिज्या की गोलाकार कक्षा में घूम रहे हैं। $r_{e^{\prime}} r_{p}$ एवं $r_{\alpha}$ के बीच संबंध होगा
$r_e < r_p$ $=$ $\;{r_\alpha }$
$r_e < r_p$ $ <$ $\;{r_\alpha }$
$r_e < $ $\;{r_\alpha }$ $< r_p$
$r_e > r_p$ $=$ $\;{r_\alpha }$
निम्न दो कथन दिए गए है-
कथन $I:$ विद्युत बल आवेशित कण की चाल बदलता है इसलिए इसकी गतिज ऊर्जा भी बदलती है जबकि चुम्बकीय बल आवेशित कण की गतिज ऊर्जा नहीं बदलता है।
कथन $II:$ विद्युत बल धनावेशित कण को विद्युत क्षेत्र की लम्बवत दिशा में त्वरित करता है। चुम्बकीय बल गतिमान धनावेशित कण को चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में त्वरित करता है।
उपरोक्त कथनो के अनुसार सही विकल्प चुने:
विभवान्तर $V$ से एक प्रोटॉन तथा एक $\alpha$-कण (जिनके द्रव्यमान का अनुपात $1: 4$ तथा आवेशों का अनुपात $1: 2$ है) को स्थिरावस्था से त्वरित करते हैं। यदि उनके वेगों के लम्बवत् एक एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $(B)$ लगाया जाये तो इन कणों के वृत्ताकार पथों की त्रिज्याओं का अनुपात $r _{ p }: r _{\alpha}$ होगा ।
इलेक्ट्रॉन की गति की दिशा से $90°$ कोण पर एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र कार्य कर रहा है। परिणामत: इलेक्ट्रॉन $2\, cm$ त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर गति करता है। यदि इलेक्ट्रॉन की चाल दोगुनी कर दी जाए तो वृत्तीय पथ की त्रिज्या.....सेमी होगी:
यदि कैथोड किरणों को किसी चुम्बकीय क्षेत्र की लम्बवत् दिशा में प्रक्षेपित किया जाये तब उनका प्रक्षेप्य पथ है
यदि आवेशित कण की गति की दिशा न तो चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में है और न ही उसके लम्बवत् तब इसका पथ होगा