एक आवेशित कण किसी $(2 \hat{ i }+3 \hat{ j })\,T$ मान के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में चल रहा है। यदि इसका त्वरण $(\alpha \hat{ i }-4 \hat{ j })\,m / s ^2$ है, तो $\alpha$ का मान होगा
$3$
$6$
$12$
$2$
एक $50\, keV$ गतिज ऊर्जा का ड्यूट्रॉन चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow B $ के तल के लम्बवत् $0.5$ मीटर त्रिज्या की वृत्तीय कक्षा निर्मित करता है तो उस प्रोट्रॉन की गतिज ऊर्जा जो इसी तल $B$ में $0.5$ मीटर त्रिज्या की वृत्तीय कक्षा निर्मित करता है,......$keV$
एक अचर चुम्बकीय क्षेत्र के प्रभाव में एक आवेशित कण त्रिज्या $R$ के वत्त में स्थिर चाल $v$ से चल रहा है इस चलन का समय अन्तराल
एक प्रोटोन, एक डयूट्रॉन और एक $\alpha$-कण समान गतिज ऊर्जा से एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् प्रवेश करते है। उनके संगत वृतीय पथो की त्रिज्याओं का अनुपात होगा-
$100 \mathrm{~V}$ के विभमान्तर द्वारा त्वरित $2 \ \mu \mathrm{C}$ का एक आवेश कण $4 \ \mathrm{mT}$ परिमाण के एक समान चुम्बकीय क्षेत्र के एक प्रभाग में क्षेत्र की दिशा से समकोण पर प्रवेश करता है। आवेशित कण चुम्बकीय क्षेत्र में $3 \ \mathrm{~cm}$ त्रिज्या का अर्द्धवृत पूर्ण करता है। आवेशित कण का द्रव्यमान ___________ $\times 10^{-18}$ किग्रा. है।
एक इलेक्ट्रॉन धनात्मक $x$-अक्ष के अनुदिश गति कर रहा है। इसको $x-y$ तल मे वृत्ताकार मार्ग और वामावर्त दिशा में गति कराने के लिये एक चुम्बकीय क्षेत्र लगाना होगा