एक आवेशित कण, जो कि आरंभ में बिन्दु $O$ पर विरामवस्था में है, छोड़ने पर चित्र में दिखाये गए पथ के अनुसार अनु गमन करता है। इस तरह का पथ निम्न में से किन परिस्थितियों में संभव है? 

210809-q

  • [KVPY 2014]
  • A

    अचर परिमाण तथा चर दिशा वाले विद्युत क्षेत्र में।

  • B

    एक अचर परिमाण तथा चर दिशा वाले चुम्बकीय क्षेत्र में।

  • C

    एक अचर परिमाण तथा अचर दिशा वाले विद्युत क्षेत्र में।

  • D

    एक अचर परिमाण तथा अचर दिशा वाले एक दूसरे के समांतर चुम्बकीय और विद्युत क्षेत्र में।

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एक आवेशित कण जिस पर $1\, \mu C$ का आवेश है $(2 \hat{ i }+3 \hat{ j }+4 \hat{ k })\, ms ^{-1}$ वेग से चल रहा है। यदि कण के आस पास $(5 \hat{ i }+3 \hat{ j }-6 \hat{ k }) \times 10^{-3} \,T$ का चुम्बकीय क्षेत्र हो तो कण पर लगने वाला बल $\overline{ F } \times 10^{-9} \,N$ है। $\overline{ F }$ वेक्टर है।

  • [JEE MAIN 2020]

एक कैथोड किरणों के पुंज का वेग $5 \times {10^6}\,m{s^{ - 1}}$ है, यह एक स्थान जिसमें विद्युत व चुम्बकीय क्षेत्र परस्पर लम्बवत् हैं, प्रवेश करता है तथा अविक्षेपित निकलता है। यदि $| B |=0.02\; T$, हो तब विद्युत क्षेत्र का परिमाण है

यदि ${10^{ - 12}}$ कूलॉम आवेश वाला एक कण $\hat x - $  दिशा में ${10^5}\,m/s$ के वेग से चलने पर चुम्बकीय क्षेत्र के कारण  $\hat y - $ दिशा में ${10^{ - 10}}\,$ न्यूटन के बल का अनुभव करें तो न्यूनतम चुम्बकीय क्षेत्र होगा

स्थाई चुम्बकीय क्षेत्र में गतिमान आवेशित कण के मार्ग की वक्रता त्रिज्या है

$1\, MeV$ ऊर्जा वाला एक प्रोटॉन (द्रव्यमान $m$ व आवेश $+e$) चुम्बकीय क्षेत्र में वृत्ताकार मार्ग में घूम रहा है। एक $\alpha $-कण की ऊर्जा (द्रव्यमान $4m$ व आवेश = $+2e$) .........$MeV$ होनी चाहिये जिससे यह समान त्रिज्या के वृत्ताकार  मार्ग में घूम सके