एक आवेशित कण, जो कि आरंभ में बिन्दु $O$ पर विरामवस्था में है, छोड़ने पर चित्र में दिखाये गए पथ के अनुसार अनु गमन करता है। इस तरह का पथ निम्न में से किन परिस्थितियों में संभव है? 

210809-q

  • [KVPY 2014]
  • A

    अचर परिमाण तथा चर दिशा वाले विद्युत क्षेत्र में।

  • B

    एक अचर परिमाण तथा चर दिशा वाले चुम्बकीय क्षेत्र में।

  • C

    एक अचर परिमाण तथा अचर दिशा वाले विद्युत क्षेत्र में।

  • D

    एक अचर परिमाण तथा अचर दिशा वाले एक दूसरे के समांतर चुम्बकीय और विद्युत क्षेत्र में।

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गतिशील इलेक्ट्रॉन की गति निम्न के द्वारा प्रभावित नहीं होती है

एक अत्यधिक लम्बे सीधे तार में धारा $I$ प्रवाहित हो रही है किसी क्षण जब बिन्दु $P$ पर एक $ + Q$ आवेश का वेग $\overrightarrow V $ चित्रानुसार है तो आवेश पर आरोपित बल है

  • [AIPMT 2005]

एक $8\, eV$ ऊर्जा का प्रोटॉन एक समरूप चुम्बकीय क्षेत्र में वृत्तीय पथ पर गति कर रहा है। एक $a$ कण जो समान चुम्बकीय क्षेत्र में समान पथ पर गति कर रहा है। इसकी ऊर्जा......$eV$ होगी

एक प्रोटॉन जिसकी ऊर्जा $200\, MeV$ है। $5 \,T$ के चुम्बकीय क्षेत्र मे प्रवेश करता है। यदि क्षेत्र की दिशा दक्षिण से उत्तर की ओर है एवं आवेश के गति की दिशा ऊपर की ओर हो तो इस पर कार्यरत बल होगा

यदि कैथोड किरणों को किसी चुम्बकीय क्षेत्र की लम्बवत् दिशा में प्रक्षेपित किया जाये तब उनका प्रक्षेप्य पथ है