एक आवेशित कण एक साइक्लोट्रॉन में एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में वृत्तीय पथ के अनुदिश गति करता है। आवेशित कण की गतिज ऊर्जा इसके प्रारम्भिक ऊर्जा से $4$ गुनी तक बढ़ जाती है। आवेशित कण के वृत्तीय पथ की नई त्रिज्या एवं मूल त्रिज्या का अनुपात क्या होगा ?
$1: 1$
$1: 2$
$2: 1$
$1: 4$
निम्न दो कथन दिए गए है-
कथन $I:$ विद्युत बल आवेशित कण की चाल बदलता है इसलिए इसकी गतिज ऊर्जा भी बदलती है जबकि चुम्बकीय बल आवेशित कण की गतिज ऊर्जा नहीं बदलता है।
कथन $II:$ विद्युत बल धनावेशित कण को विद्युत क्षेत्र की लम्बवत दिशा में त्वरित करता है। चुम्बकीय बल गतिमान धनावेशित कण को चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में त्वरित करता है।
उपरोक्त कथनो के अनुसार सही विकल्प चुने:
एक $50\, keV$ गतिज ऊर्जा का ड्यूट्रॉन चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow B $ के तल के लम्बवत् $0.5$ मीटर त्रिज्या की वृत्तीय कक्षा निर्मित करता है तो उस प्रोट्रॉन की गतिज ऊर्जा जो इसी तल $B$ में $0.5$ मीटर त्रिज्या की वृत्तीय कक्षा निर्मित करता है,......$keV$
धारायुक्त एक लम्बी परिनालिका इस प्रकार रखते हैं इसका अक्ष ऊध्र्व दिशा में है। $v$ वेग से एक प्रोटॉन परिनालिका की अक्ष पर नीचे गिर रहा है। प्रोटॉन परिनालिका मे प्रवेश करने के पश्चात्
ऊष्मित कैथोड से उत्सर्जित और $2.0\, kV$ के विभवांतर पर त्वरित एक इलेक्ट्रॉन, $0.15 \,T$ के एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। इलेक्ट्रॉन का गमन पथ ज्ञात कीजिए यदि चुंबकीय क्षेत्र $(a)$ प्रारंभिक वेग के लंबवत है $(b)$ प्रारंभिक वेग की दिशा से $30^{\circ}$ का कोण बनाता है।
दिये गये चित्र में, एक इलेक्ट्रॉन चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। यह किस दिशा में विक्षेपित होगा