चित्र में दिखाये गये बक्से से होकर विधुत क्षेत्र $\overrightarrow{ E }=4 xi -\left( y ^{2}+1\right) \hat{ j } N / C$ निकलता है। यदि बक्से के $ABCD$ तथा $BCGF$ समतलों में से होकर जाने वाले फ्लक्स का मान क्रमश: $\phi_{ I }$ तथा $\phi_{ II }$ है तब इनमें अन्तर $\left(\phi_{ I }-\phi_{ II }\right)$ $\left( Nm ^{2} / C \right)$ में होगा $......$
$48$
$52$
$56$
$60$
पृथ्वी के पृष्ठ से जरा ऊपर वातावरण में साधारणतया उपस्थित असत विद्युत क्षेत्र का परिमाण $150\; N / C$ के लगभग है जिसकी दिशा पृथ्वी के केन्द्र की ओर अन्तरमुखी है। यह पृथ्वी द्वारा वाहक परिणामी पृष्ठ आवेश देगा :
[दिया है $\epsilon_{ o }=8.85 \times 10^{-12} \;C ^{2} / N - m ^{2}$, $R _{ E }=6.37 \times 10^{6}\; m$ ]
$x-y$ तल में एक विद्युत बल रेखा समीकरण ${x^2} + {y^2} = 1$ द्वारा दी गयी है। इस तल में बिन्दु $x = 1,\;y = 0$ पर प्रारम्भ में विराम अवस्था से एक इकाई धनावेशित कण
प्रदर्शित चित्र में $\mathrm{C}_1$ तथा $\mathrm{C}_2$ दो खोखले संकेन्द्रीय घन है जिनके अन्दर क्रमशः $2 Q$ व $3 Q$ आवेश स्थित है। $\mathrm{C}_1$ व $\mathrm{C}_2$ से गुजरने वाले वैद्युत फ्लक्स का अनुपात है :
किसी स्थान पर विद्युत क्षेत्र त्रैज्यीय बाहर की ओर है जिसका परिमाण $E = A{\gamma _0}$ है। ${\gamma _0}$ त्रिज्या के गोले के अन्दर आवेश होगा
एक $R$ त्रिज्या वाले आवेशित कोश पर कुल आवेश $Q$ है। एक लम्बाई $h$ और त्रिज्या $r$ वाले बेलनाकार बंद पृष्ठ, जिसका केन्द्र कोश के केन्द्र पर ही है, से गुजरने वाला विधुत फ्लक्स (flux) $\Phi$ है। यहाँ बेलन का केन्द्र इसके अक्ष पर एक बिन्दु है जो कि ऊपरी और निचली सतह से समान दूरी पर है। निम्नलिखित कथनों में से कौनसा (से) सही है(हैं) ? [मुक्त आकाश (free space) की विधुत शीलता $\epsilon_0$ है]
$(1)$ यदि $h >2 R$ और $r > R$ तब $\Phi=\frac{ Q }{\epsilon_0}$
$(2)$ यदि $h <\frac{8 R }{5}$ और $r =\frac{3 R }{5}$ तब $\Phi=0$
$(3)$ यदि $h >2 R$ और $r =\frac{4 R }{5}$ तब $\Phi=\frac{ Q }{5 \epsilon_0}$
$(4)$ यदि $h >2 R$ और $r =\frac{3 R }{5}$ तब $\Phi=\frac{ Q }{5 \epsilon_0}$