$4.0$ मीटर लम्बे एवं $1.2$ सेमी$^2$ अनुप्रस्थ काट वाले ताँबे के तार को $4.8 \times {10^3}N$ के बल से खींचा जाता है। यदि ताँबे का यंग गुणांक $1.2 \times {10^{11}}$$N/$मीटर$^2$ हो तो तार की लम्बाई में वृद्धि होगी
$1.33$ मिलीमीटर
$1.33$ सेमी
$2.66$ सेमी
$2.66$ मिलीमीटर
$L$ लम्बाई तथा $r$ त्रिज्या का एक तार एक सिरे पर बँधा है। यदि इसका दूसरा सिरा $\mathrm{F}$ बल द्वारा खींचा जाता है तो इसकी लंबाई में $l$ वृद्धि होती है। प्रारम्भिक लम्बाई समान रखकर यदि तार की त्रिज्या तथा आरोपित बल दोनों घटाकर उनके मूल मानों से आधे करने पर इसकी लम्बाई में वृद्धि होगी :
एक $20\,kg$ द्रव्यमान, $0.4\,m ^2$ अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल एवं $20\,m$ लम्बाई की एक समान भारी छड़ किसी स्थिर आधार से लटक रही है। पार्श्व संकुचन को नगण्य मानने पर, अपने भार के कारण छड़ का प्रसार $x \times 10^{-9} m$ होता है। $x$ का मान $........$ है: (दिया है, यंग प्रत्यास्थता गुणांक $Y =2 \times 10^{11} Nm ^{-2}$ तथा $\left.g =10 ms ^{-2}\right)$
किसी तार को बल $F$ द्वारा $0.01$ मीटर तक खींचा जाता है समान पदार्थ के अन्य तार, जिसका व्यास तथा लम्बाई पहले वाले की दो गुनी है, को समान बल लगाकर खींचने पर इसकी लम्बाई में वृद्धि होगी
एक बालक का गुलेल $42 \,cm$ लम्बी और $6\, mm$ अनुप्रस्थ काट के व्यास की रबड़ की डोरी का बना है,
जिसका द्रव्यमान नगण्य है। बालक $0.02\, kg$ भार का एक पत्थर इस पर रखता है और डोरी को एक नियत बल से $20 cm$ द्वारा तानित करता है। जब इसे छोडता है, तब पत्थर $20\, ms ^{-1}$ के वेग से जाता है। तानित होने पर डोरी के अनुप्रस्थ काट में परिवर्तन नगण्य है। रबड़ का यंग प्रत्यास्थता गुणांक का निकटतम मान है।
$20 \times {10^8}N/{m^2}$ का एक प्रतिबल लगाने पर एक पूर्णत: प्रत्यास्थ तार की लम्बाई दो गुनी हो जाती है। इसका यंग प्रत्यास्थता गुणांक होगा