रबर की डोरी से बनी एक गुलेल की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $25$ मिलीमीटर$^2$ है एवं रबर की डोरी की लम्बाई $10$ सेमी है। $5$ ग्राम के एक कंकड़ को फेंकने के लिए इसे $5$ सेमी तक खींचा जाता है, फिर छोड़ दिया जाता है। प्रक्षेपित कंकड़ का वेग  ......... $ms^{-1}$ है $({Y_{rubber}} = 5 \times {10^8}N/{m^2})$

  • A

    $20$

  • B

    $100$

  • C

    $250$

  • D

    $200$

Similar Questions

एक तार जिसकी लम्बाई $L$ तथा त्रिज्या $r$ हैं, एक सिरे पर दृढ़ता से बँधा है। तार के दूसरे सिरे को बल $F$ से खींचने पर तार की लम्बाई में वृद्धि $l$ होती है। इसी पदार्थ के एक दूसरे तार को, जिसकी लम्बाई $2L$ तथा त्रिज्या $2r$ हैं, बल $2F$ से खींचने पर इसकी लम्बाई में वृद्धि होगी

  • [AIIMS 1980]

$0.5$ सेमी$^2$ अनुप्रस्थ काट के लोहे के तार की लम्बाई को दोगुनी करने के लिये आवश्यक बल का मान होगा ($Y = {10^{12}}$डाइन/सेमी${^2}$)

एक प्रयोग में, पीतल तथा स्टील के दो तारों का प्रयोग किया गया है जिसमें प्रत्येक की लम्बाई $1 \,m$ तथा अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $1\, mm ^{2}$ है। इन तारों को श्रेणीक्रम में जोड़ते हैं तथा संयुक्त तार के एक सिरे को दूढ़ स्तम्भ
से जोड़ते हैं एवं दूसरे सिरे को खींचा जाता है। $0.2\, mm$ की कुल वृद्धि के लिये प्रतिबल का मान होगा :

(दिया है, स्टील तथा पीतल के यंग प्रत्यास्थता गुणांक, क्रमश: $120 \times 10^{9} \,N / m ^{2}$ तथा $60 \times 10^{9} \, N / m ^{2}$ है)

  • [JEE MAIN 2019]

किसी तार को बल $F$ द्वारा $0.01$ मीटर तक खींचा जाता है समान पदार्थ के अन्य तार, जिसका व्यास तथा लम्बाई पहले वाले की दो गुनी है, को समान बल लगाकर खींचने पर इसकी लम्बाई में वृद्धि होगी

स्टील व तांबे के दो एक समान तार समान बलों द्वारा खींचे जाते हैं। यदि उनकी लम्बाईयों में वृद्धियों का अन्तर $0.5$ सेमी है तो प्रत्येक तार की लम्बाई में वृद्धि $(l)$ होगी [$Ys$ (स्टील) $= 2.0 × 10^{ 11}$ न्यूटन/मीटर व $YC$ (तांबा) $= 1.2 × 10 ^{11}$ न्यू/मी$^2$]