त्रिज्या $R$ का एक बेलन एक बेलनाकार कोश, जिसकी आंतरिक त्रिज्या $R$ तथा बाह्य त्रिज्या $2 R$ है, से घिरा है। आंतरिक बेलन की ऊष्मा चालकता $K_{1}$ तथा बाहय बेलन की ऊष्मा चालकता $K _{2}$ है। माना कि बेलनों से ऊष्मा क्षय शून्य है, तो इस निकाय की प्रभावी ऊष्मा चालकता, जबकि ऊष्मा का प्रवाह बेलन की लम्बाई के अनुदिश है, होगी।
$\frac{{{K_1} + {K_2}}}{2}$
$K_1 + K_2$
$\frac{{2{K_1} + {3K_2}}}{5}$
$\frac{{{K_1} + {3K_2}}}{4}$
झील पर बनी बर्फ की होती है
एक थर्मस फ्लास्क से ऊष्मा बाहर निकलने की संभावना केवल इसके कॉर्क से है। कार्क की मोटाई $5cm$ , इसका क्षेत्रफल $75cm$ $^{2}$ एवं ऊष्मीय चालकता $0.0075cal/cmsec°C$ है। बाहर का ताप $40°C$ तथा बर्फ की गुप्त ऊष्मा $80 cal gm-1$ है। फ्लास्क में स्थित $500gm$ बर्फ को $0°C$ ताप पर पिघलकर $0°C$ का पानी बनने में लगा समय ...... $hr$ है
एक बेलनाकार छड़ के सिरों के ताप ${T_1}$ व ${T_2}$ हैं। ऊष्मा प्रवाह की दर ${Q_1}$ $cal/sec$ है। यदि छड़ की सभी रेखीय विमायें दोगुनी कर दी जाये, एवं ताप को नियत रखा जाये, तब ऊष्मा प्रवाह की दर ${Q_2}$ होगी
इंजन हौज के एक प्रयोग में एकसमान परन्तु भिन्न-भिन्न पदार्थो की दो छड़ों पर मोम क्रमश: $10\,cm$ और $25\,cm$ लम्बाई तक पिघलता है। छड़ों के पदार्थो की ऊष्मा चालकताओं का अनुपात है
समान लम्बाई तथा समान अनुप्रस्थ काट की दो छड़ें लम्बाई के अनुदिश जुड़ी हैं। प्रथम तथा द्वितीय छड़ों की ऊष्मीय चालकताऐं ${K_1}$ तथा ${K_2}$ हैं तथा प्रथम तथा द्वितीय छड़ों के मुक्त सिरों के ताप क्रमश: ${\theta _1}$ व ${\theta _2}$ हैं, तो उभयनिष्ठ सन्धि का ताप होगा