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एक समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के मध्य $d$ मोटाई की परावैद्युत पट्टी रखी जाती है। संधारित्र की ऋणात्मक प्लेट $x = 0$ पर है तथा धनात्मक प्लेट $x = 3d$ पर है। परावैद्युत पट्टी की दोनों प्लेटों से दूरी समान है। संधारित्र को फिर आवेशित किया जाता है। जैसे-जैसे $x$ का मान $0$ से $3d$ हो जायेगा
विद्युत क्षेत्र का परिमाण नियत रहेगा
विद्युत क्षेत्र की दिशा नियत रहेगा
विद्युत विभव का मान लगातार बढ़ेगा
दोनों (बी) और (सी)
Solution

परावैद्युत पट्टी रखने के पश्चात् भी विद्युत क्षेत्र की दिशा प्लेटों के लम्बवत् एवं धन प्लेट से ऋण प्लेट की ओर होगी।
पुन: वायु में विद्युत क्षेत्र का परिमाण $ = \frac{\sigma }{{{\varepsilon _0}}}$
परावैद्युत माध्यम में विद्युत क्षेत्र का परिमाण $ = \frac{\sigma }{{K{\varepsilon _0}}}$
चूंकि बल रेखायें सदैव उच्च विभव से निम्न विभव की ओर होगी अत: $x = 0$ से $x = 3d$ की ओर विभव में लगातार कमी होगी।