भुजा $'a'$ वाली दो वर्गाकार प्लेटों को दूरी $d$ पर रखकर एक समांतर प्लेट संधारित्र बनाया जाता है। दिया है ( $d \ll< a$ )। इसमें परवैध्यूतांक $K$ के परावैध्यूत को चित्रानुसार लगाते हैं जिससे निचले त्रिभुजाकार भाग में परावैध्यूत पदार्थ रहता है। इस संधारित्र की धारिता होगी :
$\frac{{K{\varepsilon _0}{a^2}}}{{d\left( {K - 1} \right)}}\,\ln \,K$
$\frac{{K{\varepsilon _0}{a^2}}}{{2d\left( {K + 1} \right)}}$
$\frac{{K{\varepsilon _0}{a^2}}}{d}\,\ln \,K$
$\frac{1}{2}\frac{{K{\varepsilon _0}{a^2}}}{d}$
किसी वायु संधारित्र की धारिता $15\,\mu F$ है तथा समान्तर पट्टिकाओं के बीच की दूरी $6\,mm$ है। $3\,mm$ मोटाई की एक ताँबे की पट्टिका, सममितत: पट्टिकाओं के बीच डाली जाती है। धारिता अब ......$\mu F$ हो जाती है
दो वृत्तीय प्लेटों, जिनके बीच की दूरी $5 \,mm$ हैं, से एक समान्तर पट्टिका संधारित्र बनाया गया है जिसके बीच परावैध्युत स्थिरांक $2.2$ का एक परवैध्युत रखा गया है। जब परवैध्युत में विध्युत क्षेत्र $3 \times 10^{4} \,V / m$ है, तब धनात्मक प्लेट का आवेश घनत्व लगभग होगा:
दिये गये चित्र के अनुसार, समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच मिश्र परावैद्युत माध्यम रखे हैं। इस प्रकार बने संधारित्रों की धारिता का व्यंजक होगा
दिखाए गए चित्र में, एक समांतर प्लेट संधारित्रों की प्लेटों के मध्य एक संयुक्त परावैधुत रखकर, संधारित्र बनाया गया है। इस संधारित्र की धारिता होगी। (दिया है, प्लेट का क्षेत्रफल $= A$ )
पट्टिकाओं के बीच वायु वाले एक समांतर पट्टिका संधारित्र की प्रत्येक पट्टिका का क्षेत्रफल $6 \times 10^{-3} \,m ^{2}$ तथा उनके बीच की दूरी $3 \,mm$ है। संधारित्र की धारिता को परिकलित कीजिए। संधारित्र की पट्टिकाओं के बीच यदि $3\, mm$ मोटी अभ्रक की एक शीट ( पत्तर) (परावैध्यूतांक $= 6)$ रख दी जाती है तो स्पष्ट कीजिए कि क्या होगा जब
$(a)$ विभव ( वोल्टेज) संभरण जुड़ा ही रहेगा।
$(b)$ संभरण को हटा लिया जाएगा?