एक लेसर किरण पुंज को अपने तरंगदैध्र्य के वर्ग के बराबर क्षेत्रफल पर फोकस किया जा सकता है। यदि एक $He-Ne$ लेसर के द्वारा $1\,mW$ की दर से ऊर्जा प्रेषित की जाती है एवं इसका तरंगदैध्र्य $632.8 \,nm$ है, तो फोकस की गयी किरण पुंज की तीव्रता होगी
$1.5 \times {10^{13}}\,W/{m^2}$
$2.5 \times {10^9}\,W/{m^2}$
$3.5 \times {10^{17}}\,W/{m^2}$
उपरोक्त में से कोई नहीं
एक $I$ तीव्रता वाली विद्युत चुम्बकीय तरंग द्वारा परावर्तन न करने वाली सतह पर आरोपित दाब होगा [$c =$ प्रकाश का वेग]
$0.5\,\,W/{m^2}$ तीव्रता के विकिरण किसी धात्विक प्लेट पर आपतित होते है। प्लेट पर आरोपित दाब होगा
यदि निर्वात में विद्युत चुम्बकीय तरंग की चाल $c$ है, तो $K$ परावैद्युतांक एवं ${\mu _r}$ आपेक्षिक चुम्बकशीलता वाले माध्यम में इसकी चाल होगी
सूर्य का प्रकाश, $36\,cm ^2$ क्षेत्रफल वाले किसी तल पर लम्बवत् गिर रहा है, जो कि $20$ मिनट के समय अन्तराल में इस पर $7.2 \times 10^{-9}\,N$ का औसत बल आरोपित करता है। यदि पूर्ण अवशोषण की स्थिति माना जाए, तो आपतित प्रकाश के ऊर्जा फ्लक्स का मान होगा
विद्युत-चुम्बकीय तरंग में विद्युत क्षेत्र का मान $1 V/m$ है एवं तरंग की आवृत्ति $5 \times {10^{14}}\,Hz$ है। तरंग का संचरण $z-$ अक्ष के अनुदिश होता है तो विद्युत क्षेत्र की औसत ऊर्जा घनत्व $Joule/m^3$ में होगी