समय $t =0$ पर मुक्ताकाश में किसी समतल ध्रुवित विधुत चुम्बकीय तरंग का विधुत क्षेत्र निम्न व्यंजक द्वारा दिया जाता है :-
$\overrightarrow{ E }( x , y )=10 \hat{ j } \cos [(6 x +8 z )]$ चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{ B }( x , z , t )$ है : ( $c$ प्रकाश का वेग है)
$\frac{1}{c}\left( {6\hat k + 8\hat i} \right)\,\cos \,\left[ {\left( {6x - 8z + 10ct} \right)} \right]$
$\frac{1}{c}\left( {6\hat k - 8\hat i} \right)\,\cos \,\left[ {\left( {6x + 8z - 10ct} \right)} \right]$
$\frac{1}{c}\left( {6\hat k + 8\hat i} \right)\,\cos \,\left[ {\left( {6x + 8z - 10ct} \right)} \right]$
$\frac{1}{c}\left( {6\hat k - 8\hat i} \right)\,\cos \,\left[ {\left( {6x + 8z + 10ct} \right)} \right]$
निर्वात् में विद्युत-चुम्बकीय तरंग का वेग होता है
यदि ${\varepsilon _o}$ व ${\mu _0}$ किसी मुक्त आकाश की क्रमश: विद्युतशीलता, चुम्बकीय पारगम्यता है तथा $\varepsilon $ व $\mu $ माध्यम में सापेक्ष राशियाँ हैं। माध्यम का अपवर्तनांक है
एक विद्युत-चुम्बकीय तरंग का संचरण $z-$अक्ष के समानान्तर होती है। स्थिति एवं समय परिवर्ती क्षेत्रों (Fields) का कौनसा जोड़ा इस तरंग को उत्पन्न करता है, स्थिति
मुक्त आकाश में किसी विध्यूत चुम्बकीय तरंग का विध्यूत क्षेत्र
$\vec{E}=10 \cos \left(10^{7} t+k x\right) \hat{j} V / m$ से निरूपित (प्रकट) किया जाता है। जहाँ $t$ सेकेण्ड में और $x$ मीटर में है।
इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि
$(1)$ तरंगदैर्ध्य $\lambda=188.4\, m$
$(2)$ तरंग संख्या $k=0.33\, rad / m$
$(3)$ तरंग-आयाम $=10\, V / m$
$(4)$ तरंग $+x$ दिशा की आर गमन कर रही है।
निम्नलिखित प्रकथनों के युग्मों में से कौन सा ठीक है?
विद्युत चुम्बकीय तरंगों की अनुप्रस्थ प्रकृति सिद्ध होती है