एक $m = 100$ ग्राम संहति वाले पिण्ड को एक हल्की स्प्रिंग् के एक सिरे से जोड़ दिया जाता है। स्प्रिंग् एक घर्षणहीन क्षैतिज टेबिल पर दोलन करती है। दोलनों का आयाम $0.16$ मीटर और आवर्तकाल $2$ सैकण्ड है। प्रारम्भ में $t = 0$ सैकण्ड पर जबकि विस्थापन $x = - 0.16$ मीटर है, पिण्ड को छोड़ा जाता है, तो पिण्ड के विस्थापन का किसी समय $(t)$ पर सूत्र होगा
$x = 0.16\cos (\pi t)$
$x = - \,0.16\cos (\pi t)$
$x = 0.16\sin (\pi t + \pi )$
$x = - \,0.16\sin (\pi t + \pi )$
जब $m$ द्रव्यमान को किसी स्प्रिंग से जोड़ा जाता है तो इसकी लम्बाई में $0.2$ मीटर की वृद्धि हो जाती है। $m$ द्रव्यमान को थोड़ा सा अतिरिक्त खींच कर छोड़ देने पर इसका आवर्तकाल होगा
एक स्प्रिंग के निचले सिरे से $m$ द्रव्यमान का पिण्ड लटका है जिसका ऊपरी सिरा स्थिर है स्प्रिंग का अपना द्रव्यमान नगण्य है जब द्रव्यमान m को थोड़ा खींचकर छोड़ देते है तो यह $3$ सेकण्ड के आवर्तकाल से दोलन करने लगता है जब द्रव्यमान m के मान को $1$ किग्रा बढ़ा दिया जाता है तो दोलनों का आवर्तकाल $5$ सेकण्ड हो जाता है $m$ का मान किग्रा में है
$500 \,N \,m ^{-1}$ कमानी स्थिरांक किसी कमानी से $5\, kg$ संहति का कोई कॉलर जुड़ा है जो एक क्षेतिज छड़ पर बिना किसी घर्षण के सरकता है । कॉलर को उसकी साम्यावस्था की स्थिति से $10.0 \,cm$ विस्थापित करके छोड दिया जाता है । कॉलर के
$(a)$ दोलन का आवर्तकाल
$(b)$ अधिकतम चाल तथा
$(c)$ अधिकतम त्वरण परिकलित कीजिए
एक स्प्रिंग की स्वतंत्र लम्बाई $l$ तथा बल नियतांक $k$ है। इसे काटकर $l_{1}$ तथा $l_{2}$ स्वतंत्र लम्बाई की दो स्प्रिंगों में बाँटते है। $l_{1}= n l_{2}$ है, जहाँ $n$ एक पूर्णाक है। इनमें सम्बद्ध बल नियतांकों $k _{1}$ तथा $k _{2}$ का अनुपात, $k _{1} / k _{2}$ होगा।
एक $m$ द्रव्यमान की वस्तु श्रेणीक्रम में जुडी हुई ${k_1}$ एवं ${k_2}$ बल नियतांक की स्प्रिंगों से लटकी हुई है। वस्तु का दोलनकाल होगा