$m$ द्रव्यमान का एक पिण्ड एक स्प्रिंग पर $f = \frac{\omega }{{2\pi }}$ आवृत्ति से सरल आवर्त गति करता है। यदि स्प्रिंग का बल नियतांक $k$ और आयाम $A$ है, तब
इसकी कुल ऊर्जा $\frac{1}{2}(k{A^2})$ है
इसकी आवृत्ति $\frac{1}{{2\pi }}\sqrt {\frac{k}{m}} $ है
$x = 0$ पर अधिकतम वेग प्राप्त होता है
उपर्युक्त सभी तथ्य सही हैं
चित्रानुसार एक द्रव्यमान $M$ दो स्प्रिंगों $A$ तथा $B$ से चित्रानुसार लटकाया गया है। स्प्रिंगों के बल नियतांक क्रमषः $K_1$ तथा $K_2$ हैं। दोनों स्प्रिंगों की लम्बाई में कुल वृद्धि है
आरेख में दर्शाए अनुसार कमानी स्थिरांक $'2k'$ की दो सर्वसम कमानियाँ द्रव्यमान $m$ के किसी गुटके और दढ़ सपोर्ट से जुड़ी हैं। जब इस गुटके को इसकी साम्यावस्था से किसी एक ओर विस्थापित किया जाता है तो सरल आवर्त गति करने लगता है। इस निकाय के दोलन का आवर्तकाल होगा।
निम्न चित्र में प्रदर्शित दोनों स्प्रिंग एक समान हैं, यदि $A = 4kg$ स्प्रिंग की लम्बाई में वृद्धि $1 \,cm$ है। यदि $B = 6kg$ है तो इसके द्वारा लम्बाई में वृद्धि ..... $cm$ होगी
चित्र में दिखायी गई स्प्रिंगों के दोलन की आवृत्ति होगी
एक स्प्रिंग $10$ न्यूटन के बल से $5$ से.मी. खिंची होती है। जब $2$ कि.ग्रा. द्रव्यमान को इससे लटकाया जाता है, तो दोलन का आवर्तकाल होता है : (सेकण्ड में)