द्रव्यमान संख्या $A$ के परमाणु के स्थिर नाभिक से एक न्यूट्रॉन वेग $v$ तथा गतिज ऊर्जा $E$ के साथ प्रत्यास्थ प्रत्यक्ष $(Head-on)$ संघट्ट करता है। कुल ऊर्जा का वह भाग जो न्यूट्रॉन में बचा रहेगा

  • A

    ${\left( {\frac{{A - 1}}{{A + 1}}} \right)^2}$

  • B

    ${\left( {\frac{{A + 1}}{{A - 1}}} \right)^2}$

  • C

    ${\left( {\frac{{A - 1}}{A}} \right)^2}$

  • D

    ${\left( {\frac{{A + 1}}{A}} \right)^2}$

Similar Questions

जब दो द्रव्यमानों ${m_1}$ व ${m_2}$ के बीच प्रत्यास्थ टक्कर होती है तब निम्न में से कौन सा कथन लागू नहीं होता है

$M$ द्रव्यमान के एक रेत से भरे बोरे को रस्सी द्वारा लटकाया गया है। $m$ द्रव्यमान की एक गोली $v$ वेग से इससे टकराकर इसमें धँस जाती है। इस प्रक्रिया में गतिज ऊर्जा में हानि होगी

बल $\mathop F\limits^ \to = (5\hat i + 3\hat j)$न्यूटन एक कण पर लगाया जाता है जो इसे मूल बिन्दु से $\mathop r\limits^ \to = (2\hat i - 1\hat j)$ मीटर तक विस्थापित कर देता है। बल द्वारा किया गया कार्य  ........ $J$ होगा

एक नियत बल के प्रभाव में गतिशील $m$ द्रव्यमान की वस्तु के द्वारा विराम से गति प्रारम्भ कर $s$ दूरी तय करने में प्राप्त गतिज ऊर्जा समानुपाती होती है

बतलाइए कि निम्नलिखित कथन सत्य हैं या असत्य। अपने उत्तर के लिए कारण भी दीजिए।

$(a)$ किन्हीं दो पिंडों के प्रत्यास्थ संघट्ट में, प्रत्येक पिंड का संवेग व ऊर्जा संरक्षित रहती है।

$(b)$ किसी पिंड पर चाहे कोई भी आंतरिक व बाह्य बल क्यों न लग रहा हो, निकाय की कुल ऊर्जा सर्वदा संरक्षित रहती है।

$(c)$ प्रकृति में प्रत्येक बल के लिए किसी बंद लूप में, किसी पिंड की गति में किया गया कार्य शून्य होता है।

$(d)$ किसी अप्रत्यास्थ संघट्ट में, किसी निकाय की अंतिम गतिज ऊर्जा, आरंभिक गतिज ऊर्जा से हमेशा कम होती है ।