धातु के बने हुए ठोस असमदैशिक घन के रेखीय प्रसार गुणांक इस प्रकार है : $5 \times 10^{-5} /{ }^{\circ} C \,x$-दिशा में तथा $5 \times 10^{-6} /{ }^{\circ} C$, $y$ तथा $z$-दिशाओं में। यदि इसका आयतन प्रसार गुणांक $C \times 10^{-16} /{ }^{\circ} C$ हो, तो $C$ का मान है।
$55$
$63$
$67$
$60$
$5 \;m$ लम्बाई तथा $40 \;cm ^{2}$ अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल की एक स्टील की पटरी का लम्बाई के अनुदिश विस्तारण रोका जाता है जबकि उसका तापमान $10^{\circ} C$ बढ़ाया जाता है। यदि स्टील का रेखीय प्रसार गुणांक तथा यंग प्रत्यास्थता गुणांक क्रमश: $1.2 \times 10^{-5} \;K ^{-1}$ तथा $2 \times 10^{11} \;Nm ^{-2}$ हैं तो पटरी में उत्पत्र बल का निकटतम मान होगा
एल्कोहल में डूबी धातु की गेंद का भार $0°C$ एवं $59°C$ पर क्रमश: ${W_1}$ एवं ${W_2}$ है। धातु के आयतन प्रसार-गुणांक का मान एल्कोहल की तुलना में कम है। यदि धातु का घनत्व एल्कोहल की तुलना में अधिक हो, तब
एक स्टील की स्केल द्वारा, एक ताँबे के तार की लम्बाई $80.0\,cm$ मापी जाती है, दोनों के तापक्रम $20^\circ C$ हैं (जो कि स्केल का अशांकन तापक्रम है)। $40^\circ C$ तापक्रम पर स्केल द्वारा मापी गई तार की लम्बाई होगी $(\alpha$(इस्ताप) $ = 11 \times {10^{ - 6}}$per$°C$ एवं $\alpha$(ताँवा) $ = 17 \times {10^{ - 6}}per\,^\circ C$)
दाब बढ़ाने पर द्रव का गलनांक घटता हैं यदि द्रव
कोई द्विधात्विक पट्टिका दो धातुओं $A$ तथा $B$ से बनी है। इसे आरेख में दर्शाए अनुसार दढ़तापूर्वक आरोपित किया गया है। धातु $A$ का प्रसार गुणांक धातु $B$ की तुलना में अधिक है। जब इस द्विधात्विक पट्टिका को किसी शीत पात्र में रखा जाता है, तो यह पट्टिका।