एक समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के मध्य वायु माध्यम है तथा उसकी धारिता $10\,\mu F$ है। प्लेटों के मध्य के क्षेत्र को दो भागों में विभाजित किया गया है तथा दो अलग-अलग माध्यमों से भरे गये हैं जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। परावैद्युतांक का मान क्रमश: ${k_1} = 2$ एवं ${k_2} = 4$ है, तो इस निकाय की धारिता का मान.........$\mu F$ होगा
$10$
$20$
$30$
$40$
दो संधारित्र जिनकी धारिताएं $2 C$ और $C$ है को पार्श्व में जोड़कर, $V$ वोल्टेज तक आवेशित किया गया है। बैटरी को हटाकर, $C$ धारिता वाले संधारित्र को, $K$ परावैधुतांक वाले माध्यम से भर दिया गया है। संधारित्रों के सिरों पर विभवांतर का मान होगा।
जब आवेशित संधारित्र की प्लेटों के मध्य परावैद्युत पदार्थ को रख दिया जाता है, तो प्लेटों के मध्य विद्युत क्षेत्र
एक समान्तर-पट्टिका संधारित्र की पट्टिकाओं के मध्य $1$ मिलीमीटर मोटा और परावैद्युतांक $4$ वाला कागज लगा हुआ है। $100$ वोल्ट पर इसे आवेशित किया गया है। इस संधारित्र की पट्टिकाओं के मध्य विद्युत क्षेत्र का मान वोल्ट/मीटर में होगा
किसी समान्तर पट्टिका संधारित्र व्यवस्था में संधारित्र की पट्टिका का क्षेत्रफल $2 \,m ^{2}$ तथा दो पट्टिकाओं के बीच पथकन् $1 \,m$ है। यदि पट्टिकाओं के बीच के रिक्त स्थान में $0.5\, m$ मोटाई तथा क्षेत्रफल $2 \,m ^{2}$ (आरेख देखिए) का कोई परावैधुत पदार्थ भर दें, तो इस व्यवस्था की धारिता $.....\,\varepsilon_{0}$ होगी। (पदार्थ का परावैधुतांक $=3.2$ ) (निकटतम पूर्णांक तक पूर्णांकित)