तीन एकसमान संधारित्रों (identical capacitors) $C_1, C_2$ और $C_3$ में प्रत्येक की धारिता $1.0 \mu F$ है और शुरुआत में तीनों संधारित्र अनावेशित (uncharged) हैं। तीनों संधरित्रों को, जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है, एक परिपथ (circuit) में जोड़ा गया है और उसके बाद $C_1$ में $\epsilon_{ r }$ सापेक्ष परावैद्युतांक (relative permittivity) का एक परावैदयुत (dielectric) पदार्थ पूर्णतः भरा जाता है। सेल (cell) का विद्युत् वाहक बल (electromotive force, emf) $V_0=8 V$ है। शुरुआत में कुंजी (switch) $S_1$ बंद है और कुंजी $S_2$ खुली है। संधारित्र $C_3$ के पूरी तरह आवेशित (charged) होने के बाद, एक ही पल मे एक साथ (simultaneously) कुंजी $S_1$ को खोल दिया जाता है और कुंजी $S_2$ को बंद कर दिया जाता है। जब सभी संधारित्र साम्यावस्था (equilibrium) में आ जाते हैं, तब संधारित्र $C_3$ पर $5 \mu C$ का आवेश पाया जाता है। $\epsilon_r$ का मान $\qquad$ है।
$1.50$
$1.60$
$1.70$
$1.80$
किसी दिए गए समांतर प्लेट संधारित्र की धारिता बदलने के लिए परावैधुतांक $'K'$ के किसी पदार्थ का प्रयोग किया गया है। परावैधुत पदार्थ का क्षेत्रफल, संधारित्र की प्लेट के क्षेत्रफल के समान है। परावैधुत पदार्थ के स्लैब की मोटाई $\frac{3}{4} d$ है जहाँ ' $d$ ', समांतर प्लेट संधारित्र में, प्लेटों के बीच पथकन है। मूल धारिता $\left( C _{0}\right)$ के पदों में नई धारिता $\left( C ^{\prime}\right)$ को नीचे दिए अनुसार किस प्रकार व्यक्त किया जाएगा?
ध्रुवीय अणु ऐसे अणु होते हैं :
ताप के बढ़ने पर परावैद्युतांक स्थिरांक $K$ का मान
दो संधारित्रों को श्रेणी क्रम में जोड़ा गया है, जिनमें प्रत्येक की धारिता $40\,\mu F$ है। इनमें से एक संधारित्र की पट्यियों के बीच के स्थान को $K$ परावैद्युतांक वाले परावैद्युत पदार्थ से भरा जाता है कि निकाय की तुल्य धारिता $24\,\mu F$ हो जाती है। $K$ का मान होगा :
समान्तर प्लेट संधारित्र की दोनों प्लेटों के बीच की जगह को एक परावैद्युत से पूरी तरह भर दिया जाता है। संधारित्र को आवेशित कर बैटरी से हटा लिया जाता है। इस परावैद्युत प्लेट को अब धीरे-धीरे संधारित्र के बाहर प्लेटों के समांतर खींचा जाता है। इस तरह बाहर खींचे गये परावैद्युत प्लेट की लम्बा तथा संधारित्र की प्लेटों के विभवान्तर के बीच खींचा गया ग्राफ होगा