एक समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता $50\,\mu F$ वायु माध्यम में रहती है। जब इसे किसी तेल में डुबाया जाता है तो धारिता $110\,\mu F$ हो जाती है, तो तेल का परावैद्युतांक होगा

  • A

    $0.45$

  • B

    $0.55$

  • C

    $1.1$

  • D

    $2.2$

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दो वृत्तीय प्लेटों, जिनके बीच की दूरी $5 \,mm$ हैं, से एक समान्तर पट्टिका संधारित्र बनाया गया है जिसके बीच परावैध्युत  स्थिरांक $2.2$ का एक परवैध्युत रखा गया है। जब परवैध्युत में विध्युत क्षेत्र $3 \times 10^{4} \,V / m$ है, तब धनात्मक प्लेट का आवेश घनत्व लगभग होगा:

  • [JEE MAIN 2014]

दो परावैद्युत पट्टिकाओं का परावैद्युतांक क्रमश: ${K_1}$ और ${K_2}$ है। इन्हें संधारित्र की दो प्लेटों के मध्य रखा गया है, तो संधारित्र की धारिता होगी

दो एक समान आवेशित गोलों का समान लम्बाई की डोरियों से लटकाया गया है। डोरियाँ एक दूसरे से $37^{\circ}$ का कोण बनाती हैं। जब इन्हें $0.7$ ग्राम/सेमी. ${ }^3$, घनत्व के किसी द्रव में डुबाया जाता है, तो उनके बीच बना कोण वही रहता है। यदि गोले के पदार्थ का घनत्व $1.4$ग्राम/सेमी. ${ }^3$ हो, तो द्रव का परावैद्युतांक. . . . . . . . होगा। $\left(\tan 37^{\circ}=\frac{3}{4}\right)$.

  • [JEE MAIN 2024]

दिये गये चित्र के अनुसार, समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच मिश्र परावैद्युत माध्यम रखे हैं। इस प्रकार बने संधारित्रों की धारिता का व्यंजक होगा

एक संधारित्र के आंतरिक और बाह्य गोलों की त्रिज्यायें क्रमश: $9\,cm$ तथा $10\,cm$ हैं। यदि गोलों के मध्य उपस्थित माध्यम का परावैद्युतांक $6$ तथा आंतरिक गोले पर आवेश $18 \times {10^{ - 9}}$ कूलॉम है तब आंतरिक गोले की सतह पर विभव क्या होगा जबकि बाह्य गोले को भू-सम्पकित .......$V$ किया गया है