एक कण $R$ त्रिज्या के वृत्त में समान चाल से गति करते हुए एक चक्कर पूरा करने में $\mathrm{T}$ समय लेता है।
यदि यही कण क्षैतिज से उसी चाल से कोण ' $\theta$ ' पर प्रक्षेपित किया जाए, तो $4 \mathrm{R}$ के बराबर अधिकतम ऊँचाई प्राप्त करता है। प्रक्षेपण कोण $'\theta'$ दिया जाता है :
$\theta=\cos ^{-1}\left(\frac{g T^{2}}{\pi^{2} R}\right)^{1 / 2}$
$\theta=\cos ^{-1}\left(\frac{\pi^{2} R}{g T^{2}}\right)^{1 / 2}$
$\theta=\sin ^{-1}\left(\frac{\pi^{2} R}{g T^{2}}\right)^{1 / 2}$
$\theta=\sin ^{-1}\left(\frac{2 \mathrm{~g} T^{2}}{\pi^{2} R}\right)^{1 / 2}$
जब किसी वस्तु को क्षैतिज तल से कोण $\theta$ पर $u$ वेग से प्रक्षेपित किया जाता है, तो उसके द्वारा क्षैतिज दिशा में तय की गयी अधिकतम दूरी होगी
चार पिण्डों $P, Q, R$ एवं $S$ को एक समान वेग से क्षैतिज से क्रमश: $15^o, 30^o, 45^o$ एवं $60^o$ के कोण पर प्रक्षेपित किया जाता है। वह पिण्ड जिसकी सबसे कम परास है, होगा
किसी प्रक्षेप्य की क्षैतिज परास इसकी अधिकतम ऊँचाई की $4\sqrt 3 $ गुनी है। इसके प्रक्षेपण कोण का मान ......... $^o$ है
अधिकतम ऊँचाई पर किसी प्रक्षेप्य की चाल उसकी प्रारंभिक चाल की आधी है। तो उसके प्रक्षेपण का कोण होगा