घर्षणहीन क्षैतिज तल पर पड़ी हुई $k$ बल स्थिरांक की द्रव्यमान रहित स्प्रिंग के एक सिरे से $m$ द्रव्यमान का कण जुड़ा हुआ है। इस स्प्रिंग का दूसरा सिरा बद्ध है। यह कण अपनी साम्यावस्था से समय $t=0$ पर प्रारम्भिक क्षैतिज वेग $u_0$ से गतिमान हो रहा है। जब कण की गति $0.5 u_0$ होती है, यह एक दृढ़ दीवार से प्रत्यास्थ संघट्ट करता है। इस संघट्ट के बाद -

$(A)$ जब कण अपनी साम्यावस्था से लौटता है इसकी गति $u_0$ होती है।

$(B)$ जब कण अपनी साम्यावस्था से पहली बार गुजरता है वह समय $t=\pi \sqrt{\frac{m}{k}}$ है।

$(C)$ जब स्प्रिंग से सम्पीड़न अधिकतम होता है वह समय $t =\frac{4 \pi}{3} \sqrt{\frac{ m }{ k }}$ है।

$(D)$ जब कण अपनी साम्यावस्था से दूसरी बार गुजरता है वह समय $t =\frac{5 \pi}{3} \sqrt{\frac{ m }{ k }}$ है।

  • [IIT 2013]
  • A

    $(B,D)$

  • B

    $(B,C)$

  • C

    $(A,C)$

  • D

    $(A,D)$

Similar Questions

चित्र में दिखाये गये द्वि-स्प्रिंग निकाय का प्रभावी स्प्रिंग नियतांक होगा

एक स्प्रिंग से जुड़ा हुआ $1 \;kg$ का एक गुटका $1 \;Hz$ की आवृत्ति से एक घर्षणहीन क्षैतिज मेज पर दोलन करता है। इसी तरह की दो समान्तर स्प्रिंगों से एक $8 \;kg$ का गुटका जोड़कर उसी मेज पर दोलन कराते हैं। $8 \;kg$ के गुटके की दोलन आवृत्ति होगी $\dots \; Hz$

  • [JEE MAIN 2017]

समान बल नियतांक $k$ वाली तीन स्प्रिंगों $A, B$ और $C$ से $m$ द्रव्यमान का एक कण चित्र में दिखाये अनुसार जुड़ा है। यदि कण को स्प्रिंग $A$ के विरुद्ध हल्का सा दबा कर छोड़ा जाये तो दोलनकाल होगा

स्प्रिंग् नियतांक $K$ की एक स्प्रिंग् पर $m$ द्रव्यमान लटकाया गया है। अब ​स्प्रिंग् को दो बराबर भागों में काटकर किसी एक पर वही द्रव्यमान लटकाया जाता है, तो नया ​स्प्रिंग् नियतांक होगा

बराबर द्रव्यमान के दो पिण्ड $M$ तथा $N$ दो द्रव्यमानहीन स्प्रिंगों से अलग-अलग लटके हैं। स्प्रिंग के बल नियतांक क्रमश: ${k_1}$ तथा ${k_2}$ है। यदि दोनों पिण्ड ऊध्र्वाधर तल में इस प्रकार कम्पन करते हैं कि इनके अधिकतम वेग बराबर हैं, तब $M$ के कम्पन के आयाम का $N$ के साथ अनुपात है

  • [AIEEE 2003]