$ m $ द्रव्यमान का एक कण $ PC $ रेखा के अनुदिश (चित्रानुसार) $ v $ वेग से गति करता है। बिन्दु $ O $ के परित: कण का कोणीय संवेग है

  • [AIEEE 2002]
  • A

    $mvL$

  • B

    $mvl$

  • C

    $mvr$

  • D

    शून्य

Similar Questions

एक द्रव्यमान $M$ तथा त्रिज्या $R$ का छल्ला अपने केन्द्र $O$ से होकर जाने वाली स्थिर ऊर्ध्वाधर अक्ष के चारों ओर $\omega$ कोणीय गति से घूम रहा है। इस समय पर $\frac{M}{8}$ द्रव्यमान के दो बिन्दु द्रव्यमान छल्ले के केन्द्र $O$ पर विराम स्थिति में हैं। वो दर्शाये चित्रानुसार छल्ले पर लगी द्रव्यमान रहित दो छड़ों पर त्रिज्यतः वाहर की ओर गति कर सकते हैं। किसी एक क्षण पर निकाय की कोणीय गति $\frac{8}{9} \omega$ है तथा एक विन्दु द्रव्यमान $O$ से $\frac{3}{5} R$ की दूरी पर है। इस क्षण दूसरे विन्दु द्रव्यमान की $O$ से दूरी होगी :

  • [IIT 2015]

$ 2 $ किग्रा का एक द्रव्यमान $ 0.8 $ मीटर त्रिज्या के वृत्ताकार पथ पर $ 44 $ रेडियन/सैकण्ड के कोणीय वेग से घूम रहा है। यदि पथ की त्रिज्या $ 1 $ मीटर हो जाये तो कोणीय वेग का मान ........ रेडियन/सै होगा

एक लोलक (pendulum), द्रव्यमान $m=0.1 kg$ के एक गोलक ($bob$) और लम्बाई $L=1.0 m$ के एक द्रव्यमानरहित (massless) तथा न खींचने वाले (inextensible) धागे से बना है। यह एक घर्षणहीन क्षैतिज फर्श (floor) से $H=0.9 m$ की ऊँचाई पर एक स्थिर बिन्दु से लटका हुआ है। आरंभ में गोलक, फर्श पर निलंबन बिन्दु (point of suspension) से ठीक ऊर्ध्वाधर नीचे स्थिरावस्था में है। किसी क्षण, गोलक को $P=0.2 kg - m / s$ का एक क्षैतिज आवेग (impulse) प्रदान किया जाता है। इस कारण कुछ दूरी तक फिसलने के बाद, गोलक सतह से ऊपर उठ जाता है और धागा तन जाता है (becomes taut) । गोलक के सतह से उठने के तुरंत पहले, निलंबन बिन्दु के सापेक्ष, लोलक का कोणीय संवेग (angular momentum) $J kg-m^2 / s$ है। सतह से उठने के तुरंत बाद लोलक की गतिज ऊर्जा $K$ Joules है।

($1$) $J$ का मान. . . . है।

($2$) $K$ का मान. . . . . है।

दिये गए सवाल का जवाब दीजिये ($1$) और ($2$)

  • [IIT 2021]

$log_e L$ तथा $log_e P$ के बीच का ग्राफ होगा (जहाँ $L$ कोणीय संवेग तथा $P$ रेखीय संवेग है)

एक छोटा पिंड $m$ एक द्रव्यमान-रहित धागे से जुड़ा है। धागे का दूसरा सिरा $P$ पर बंधित हैं (चित्र देखिये।) पिंड $x-y$ तल में एकसमान कोणीय चाल $\omega$ से वत्तीय गति कर रहा है। वत्त का केन्द्र $O$ पर है। यदि $O$ और $P$ बिन्दूओं के सापेक्ष निकाले गये इस निकाय के कोणीय संवेग क्रमश: $\overrightarrow{ L }_0$ और $\overrightarrow{ L }_{ p }$ है, तब

  • [IIT 2012]