दो कण जिनमें से प्रत्येक का द्रव्यमान $m$ एवं चाल $v$ है $d$ दूरी पर, समान्तर रेखाओं के अनुदिश, विपरीत दिशाओं में चल रहे हैं। दर्शाइये कि इस द्विकण निकाय का सदिश कोणीय संवेग समान रहता है, चाहे हम जिस बिन्दु के परित: कोणीय संवेग लें।

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Let at a certain instant two particles be at points $P$ and $Q$, as shown in the following figure.

Angular momentum of the system about point $P$ :

$\vec{L}_{p}=m v \times 0+m v \times d$

$=m v d.. .(i)$

Angular momentum of the system about point $Q:$ $\vec{L}_{\Omega}=m v \times d+m v \times 0$

$=m v d...(i i)$

Consider a point $R,$ which is at a distance $y$ from point $Q,$ i.e.

$QR =y$

$PR =d-y$

Angular momentum of the system about point $R:$ $\vec{L}_{R}=m v \times(d-y)+m v \times y$

$=m v d-m v y+m v y$

$=m v d\ldots(i i i)$

Comparing equations $(i),(i i),$ and $(iii)$, we get:

$\vec{L}_{P}=\vec{L}_{0}=\vec{L}_{R}\ldots(i v)$

We infer from equation ($i v$) that the angular momentum of a system does not depend on the point about which it is taken.

888-s23

Similar Questions

एक छोटा पिंड $m$ एक द्रव्यमान-रहित धागे से जुड़ा है। धागे का दूसरा सिरा $P$ पर बंधित हैं (चित्र देखिये।) पिंड $x-y$ तल में एकसमान कोणीय चाल $\omega$ से वत्तीय गति कर रहा है। वत्त का केन्द्र $O$ पर है। यदि $O$ और $P$ बिन्दूओं के सापेक्ष निकाले गये इस निकाय के कोणीय संवेग क्रमश: $\overrightarrow{ L }_0$ और $\overrightarrow{ L }_{ p }$ है, तब

  • [IIT 2012]

द्रव्यमान $M=0.2 kg$ का एक कण आरंभ में $x y$-समतल के एक बिन्दु $( x =-l, y =-h)$ पर विरामावस्था में है, जहाँ $l=10 m$ तथा $h=1 m$ हैं। समय $t =0$ पर कण को $a =10 m / s ^2$ के नियत त्वरण (constant acceleration) से धनात्मक $x$-अक्ष की दिशा में त्वरित किया जाता है। मूल बिन्दु के सापेक्ष, कण के कोणीय संवेग (angular momentum) तथा बल आघूर्ण (torque) SI इकाई में क्रमशः $\overrightarrow{ L }$ और $\vec{\tau}$ से परिभाषित हैं। $\hat{ i }, \hat{ j }$ तथा $\hat{ k }$ क्रमश: धनात्मक $x, y$ और $z$-अक्षों की दिशाओं में इकाई सदिशें (unit vectors) हैं। यदि $\hat{ k }=\hat{ i } \times \hat{ j }$, तो निम्न में से कौन सा (से) कथन सत्य है (हैं)?

$(A)$ समय $t =2 s$ पर कण बिन्दु $(x-l, y--h)$ पर पहुँचता है

$(B)$ $\vec{\tau}=2 \hat{ k }$, जब कण बिन्दु $(x=1, y=-h)$ से गुजरता है

$(C)$ $\overrightarrow{ L }=4 \hat{ k }$, जब कण बिन्दु $(x=l, y=-h)$ से गुजरता है

$(D)$ $\vec{\tau}=\hat{ k }$, जब कण बिन्दु $(x-0, y-h)$ से गुजरता है

  • [IIT 2021]

$m$ तथा $4 m$ द्रव्यमान वाली दो पतली वृताकार चत्रिकाएँ (discs), जिनकी त्रिज्यायें क्रमशः $a$ तथा $2 a$ हैं, के केन्द्रों को $l=\sqrt{24} a$ लम्बाई की द्रव्यमान-रहित द्रढ़ (rigid) डंडी से जोड़ा गया है। इस समूह को एक मजबूत समतल सतह पर लिटाया गया है और फिसलाये बिना इस तरह से घुमाया गया है कि इसकी कोणीय गति डंडी के अक्ष के गिर्द $\omega$ है। पूरे समूह का बिन्दु ' $O$ ' के गिर्द कोणीय संवेग $\vec{L}$ है (चित्र देखियें)। निम्नलिखित में से कौनसा/कौनसे कथन सत्य है / हैं?

$(A)$ पूरे समूह का संहति-केंद्र $z$-अक्ष के गिर्द कोणीय वेग $\omega / 5$ से घूम रहा है

$(B)$ पूरे समूह के संहति-केंद्र का बिन्दु $O$ के गिर्द कोणीय संवेग का परिमाण $81 ma ^2 \omega$ है

$(C)$ पूरे समूह का उसके संहति-केंद्र के गिर्द कोणीय संवेग का परिमाण $17 ma ^2 \omega / 2$ है

$(D)$ $\vec{L}$ के $z$-घटक का परिमाण $55 m a^2 \omega$ है

  • [IIT 2016]

$ m $ द्रव्यमान का एक कण $ PC $ रेखा के अनुदिश (चित्रानुसार) $ v $ वेग से गति करता है। बिन्दु $ O $ के परित: कण का कोणीय संवेग है

  • [AIEEE 2002]

एक कण द्रव्यमान $m =5$ का $v =3 \sqrt{2}$ वेग से $XOY$ तल में $y = x +4$ रेखा पर चलता है। मूल बिन्दु के परित: कोणीय संवेग ........  इकाई होगा

  • [AIPMT 1991]