एक पेण्डुलम के गोलक का द्रव्यमान $30.7 \times {10^{ - 6}}\,kg$ है। एवं इस पर आवेश $2 \times {10^{ - 8}}\,C$ है। यह पेण्डुलम $20000\, V/m$ के एकसमान विद्युत क्षेत्र में संतुलन में है। पेण्डुलम के धागे में तनाव होगा $(g = 9.8\,m/{s^2})$
$3 \times {10^{ - 4}}\,N$
$4 \times {10^{ - 4}}\,N$
$5 \times {10^{ - 4}}\,N$
$6 \times {10^{ - 4}}\,N$
$5.0\, \mu C$ आवेश वाला और द्रव्यमान $2 \,g$ का एक सरल दोलक का बॉब तीव्रता $2000\, V / m$ के एक एकसमान क्षैतिज विधुत क्षेत्र में विराम अवस्था पर है। साम्यावस्था में, ऊर्ध्वाधर से दोलक जो कोण बनाएगा, वह है :
$(g=10\, m / s ^{2}$ लें $)$
तीन एकसमान बिन्दु आवेश चित्रानुसार एक समकोण समद्विबाहु त्रिभुज के शीर्षों पर रखे गये हैं। विकर्ण के मध्य बिन्दु पर कौनसा सदिश विद्युत क्षेत्र की दिशा से संपाती होगा
दो बिंदु आवेश $q_{\Lambda}=3 \mu C$ तथा $q _{ B }=-3 \mu C$ निर्वात में एक-दूसरे से $20\, cm$ दूरी पर स्थित हैं।
$(a)$ दोनों आवेशों को मिलाने वाली रेखा $AB$ के मध्य बिंदु $O$ पर विध्यूत क्षेत्र कितना है?
$(b)$ यद् $1.5 \times 10^{-9} C$ परिमाण का कोई ऋर्णात्मक परीक्षण आवेश इस बिंदु पर रखा जाए तो यह परीक्षण आवेश कितने बल का अनुभव करेगा?
$ABC$ एक समबाहु त्रिभुज है। प्रत्येक शीर्ष पर $ + \,q$ आवेश रखा गया है। बिन्दु $O$ पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता होगी
$50\, V/cm$ परिमाण के विद्युत क्षेत्र में एक इलेक्ट्रॉन का त्वरण हेागा (यदि इलेक्ट्रॉन के लिए $e/m = 1.76 \times {10^{11}}\,C/kg$)