एक लोलक को $250\,cm$ लम्बी रस्सी से लटकाया जाता है। लोलक के गोलक का द्रव्यमान $200\,g$ है। लोलक को रस्सी के ऊर्ध्वाधर से $60^{\circ}$ पर होने तक खींचा जाता है। गोलक को छोड़ने के पश्चात् गोलक द्वारा प्राप्त अधिकतम वेग होगा।: $\left( g =10\,m / s ^2\right)$
$5$
$1$
$2$
$7$
एक लोलक जिसकी लम्बाई $l$ है, के गोलक को पकड़कर $\theta $ कोण से विस्थापित करके छोड़ दिया जाता है। लोलक का मध्यमान स्थिति में वेग $v$ है, तब $v$ का मान है
किसी रूकी हुई लिफ्ट के भीतर किसी, सरल लोलक का आवर्तकाल $T$ है। यदि लिफ्ट $g / 2$ त्वरण से उपरिमुखी गति करती है, तो सरल लोलक का आवर्तकाल होगा।
एक सरल लोलक को विषुवत रेखा पर ले जाने पर इसका दोलनकाल
एक पेण्डुलम घड़ी पृथ्वी तल पर सही समय दिखाती है इसे चन्द्र तल पर ले जाया जाता है तब यह चलेगी (दिया है $g$ चन्द्रतल $= g$ पृथ्वी$/6$ )
यदि एक सरल लोलक में गोलक का द्रव्यमान इसके मूल द्रव्यमान के तीन गुने तक बढ़ा दिया ज़ाता है तथा इसकी प्रारम्भिक लंबाई आधी कर दी जाये, तो दोलेन का नया आवर्तकाल प्रारम्भिक आवर्तकाल का $\frac{x}{2}$ गुना हो जाता है। तब $x$ का मान है: