$35 \mathrm{MHz}$ आवृत्ति की एक समतल विद्युत चुंबकीय तरंग मुक्त आकाश में $\mathrm{X}$-दिशा में अनुदिश गति करती है। एक निश्चित बिन्दु पर (स्थिति एवं समय में) $\overrightarrow{\mathrm{E}}=9.6 \hat{\mathrm{j}} \mathrm{V} / \mathrm{m}$ है। इस बिन्दु पर चुंबकीय क्षेत्र का मान है :
$3.2 \times 10^{-8} \ \hat{\mathrm{k}} \mathrm{T}$
$3.2 \times 10^{-8}\ \hat{\mathrm{i}}$
$9.6 \ \hat{\mathrm{j}} \mathrm{T}$
$9.6 \times 10^{-8}\ \hat{\mathrm{kT}}$
एक आवेशित कण अपनी माध्य साम्यावस्था के दोनों ओर $10^{9} \,Hz$ आवृत्ति से दोलन करता है। दोलक द्वारा जनित वैध्यूतचुंबकीय तरंगों की आवृत्ति कितनी है?
निर्वात् में विद्युत-चुम्बकीय तरंग का वेग होता है
निर्वात में दो समतल विधुत-चुम्बकीय तरंगो के विधुत क्षेत्र
$\overrightarrow{\mathrm{E}}_{1}=\mathrm{E}_{0} \hat{\mathrm{j}} \cos (\omega \mathrm{t}-\mathrm{kx})$ तथा
$\overrightarrow{\mathrm{E}}_{2}=\mathrm{E}_{0} \hat{\mathrm{k}} \cos (\omega \mathrm{t}-\mathrm{ky})$ हैं।
समय $t =0$ पर $q$ आवेश का एक कण $\overrightarrow{ v }=0.8 cj ( c$ निर्वात में प्रकाश की गति है) वेग से मूलबिन्दु पर चल रहा है। कण पर लगने वाला तात्क्षणिक बल है ।
$25 \times 10^{4}$ वाट/मी $^{2}$ ऊर्जा फ्लक्स का प्रकाश, किसी पूर्णत: परावर्तक पृष्ठ (सतह) पर लम्बवत् आपतित होता है। यदि इस पृष्ठ का क्षेत्रफल $15$ सेमी हो तो, पृष्ठ पर आरोपित औसत बल होगा
एक वेग चयन युक्ति (वेग वरणकारी) का विद्युत क्षेत्र $\overrightarrow{ E }= E \hat{ k }$ एवं चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{ B }= Bj$ है, जहाँ $B =12\,mT$ है। $728\,eV$ ऊर्जा वाला एक इलैक्ट्रॉन, जो कि धनात्मक $x$-अक्ष के अनुदिश चल रहा है, को बिना विक्षेपित हुए गुजारने के लिए आवश्यक $E$ का मान होगा: (दिया है, इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान $\left.=9.1 \times 10^{-31} kg \right)$