निर्वात में चलती हुई एक विद्युत चुम्बकीय तरंग के वैद्युत क्षेत्र तथा चुम्बकीय क्षेत्र के घटक
$E _{ x }= E _0 \sin ( kz -\omega t )$
$B _{ y }= B _0 \sin ( kz -\omega t )$
द्वारा वर्णित है, तब $\mathrm{E}_0$ व $\mathrm{B}_0$ के बीच सही संबंध दिया गया है :
$kE _0=\omega B _0$
$E _0 B _0=\omega k$
$\omega E _0= kB _0$
$E _0= kB _0$
एक आवेशित कण अपनी माध्य साम्यावस्था के दोनों ओर $10^{9} \,Hz$ आवृत्ति से दोलन करता है। दोलक द्वारा जनित वैध्यूतचुंबकीय तरंगों की आवृत्ति कितनी है?
समतल वैद्युत चुम्बकीय तरंग के लिए $\mathrm{E}=\mathrm{E}_0 \sin (\omega \mathrm{t}-\mathrm{kx})$ एवं $\mathrm{B}=\mathrm{B}_0 \sin (\omega \mathrm{t}-\mathrm{kx})$ हैं, औसत विद्युत ऊर्जा घनत्व तथा औसत चुम्बकीय ऊर्जा घनत्व का अनुपात है:
$25\, GHz$ आवृत्ति की एक समतल विधुत-चुम्बकीय तरंग निर्वात में $z$ - दिशा में चल रही है। यदि किसी एक समय पर एक स्थान तरंग का चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{ B }=5 \times 10^{-8} \hat{ j } T$ हो तो वहाँ पर उस समय विधुत क्षेत्र $\overrightarrow{ E }$ होगाः (प्रकाश की गति $c =3 \times 10^{8} \, ms ^{-1}$ )
एक लेम्प सभी दिशाओं में एकसमान रूप से एकवर्णी हरा प्रकाश उत्सर्जित कर रहा है। लेम्प की विद्युत शक्ति को विद्युत चुम्बकीय तरंगों में परिवर्तन करने की दक्षता $3 \%$ है और $100\; W$ शक्ति की खपत करता है। लेम्प से $5\; m$ दूरी पर विद्युत चुम्बकीय विकिरण से सम्बद्धित विद्युत क्षेत्र का आयाम लगभग .......$V/m$ होगा
एक $LC$ अनुनादी परिपथ में $400\, pF$ धारिता का संधारित्र एवं $100\mu H$ का प्रेरकत्व जुड़ा है। यह एक एन्टीना से जुड़ा है एवं कम्पन करता है, तो विकरित विद्युत चुम्बकीय तरंग की तरंगदैध्र्य होगी