एक बहुपरमाण्विक गैस $\left( {\gamma \, = \frac{4}{3}} \right)$ का आयतन रुद्धोष्म प्रक्रिया से संपीडित कर मूल आयतन का $\frac{1}{8}$ गुना कर दिया जाता है। यदि गैस का मूल दाब ${P_o}$ हो, तो उसका नया दाब होगा
$8{P_o}$
$16{P_0}$
$6{P_o}$
$2{P_o}$
सामान्य ताप व दाब पर $1$ मोल द्विपरमाण्विक गैस को रुद्धोष्म रीति से संपीड़ित करके इसका आयतन आधा कर दिया जाता है, तब गैस पर किया गया कार्य........ $J$ है ($\gamma = 1.41$)
रुद्धोष्म परिवर्तन हेतु एक परमाण्विक गैस के लिये दाब तथा ताप में सम्बन्ध $P \propto T^c$ है। यहाँ $c$ का मान होगा
किसी एक परमाणिवक गैस का दाब $p$ और आयतन $V$ है। इसमें पहले समतापीय रूप से $2\, V$ आयतन तक और फिर रूद्धोष्म रूप से $16\, V$ आयतन तक प्रसार होता है। यदि $\gamma=\frac{5}{3}$ हो तो , गैस का अन्तिम दाब होगा
एक ऊष्मारोधी (thermally insulating) बेलन के मध्य में एक घर्षणहीन चलायमान (frictionless movable) तथा ऊष्मारोधी द्विभाजक (partition) चित्रानुसार, लगा है। इसके दोनों भागों में एक-एक मोल (mole) आदर्श गैस हैं, जिसकी स्थिर आयतन पर विशिष्ट ऊष्मा $C_v=2 R$ है। यहाँ, $R$ गैस नियतांक है। आरंभ में, दोनों भागों का आयतन $V_0$ तथा तापमान $T_0$ है। बाएँ भाग में एक विद्युत हीटर लगा है, जिसको बहुत कम शक्ति (very low power) पर चलाकर बांयी तरफ की गैस को $Q$ ऊष्मा दी जाती है। इससे द्विभाजक, धीमी गति से दांयी तरफ जाता है जिससे दांयी तरफ का आयतन घटकर $V_0 / 2$ हो जाता है। इसके फलस्वरूप बांयी एवं दार्यीं भागों में गैस का तापमान क्रमशः $T_L$ तथा $T_R$ हो जाता है। हीटर, बेलन तथा द्विभाजक के तापमानों में परिवर्तन उपेक्षणीय है।
($1$) $\frac{T_R}{T_0}$ का मान है -
$(A)$ $\sqrt{2}$ $(B)$ $\sqrt{3}$ $(C)$ $2$ $(D)$ $3$
($2$) $\frac{Q}{R T_0}$ का मान है -
$(A)$ $4(2 \sqrt{2}+1)$ $(B)$ $4(2 \sqrt{2}-1)$ $(C)$ $(5 \sqrt{2}+1)$ $(D)$ $(5 \sqrt{2}-1)$
दिये गए सवाल का जवाब दीजिये ($1$) और ($2$)
ऊष्मागतिकी प्रक्रमों के सम्बन्ध में निम्न कथनों में से कौन सा सत्य नहीं है