एक इंजिन, $20^{\circ} C$ ताप एवं $1$ वायुमंडलीय दाब पर $5$ मोल हवा लेकर मूल आयतन का $\frac{1}{10}$ रूद्धोष्म रूप से संपीड़ित करता है। हवा को दृढ़ अणुओं से बना द्विपरमाण्विक आदर्श गैस मानते हुए इस प्रक्रिया में आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन $XKJ$ है। $X$ का मान निकटतम पूर्णांक में है
$46.87$
$45.78$
$55.78$
$50.23$
एक गैस ($\gamma = 1.3)$ एक कुचालक पात्र में भरी हुई है। इस पात्र में दाब ${10^5}\,N/{m^2}$ है एवं एक पिस्टन पात्र में लगा हुआ है। पिस्टन को अचानक दबाकर गैस के आयतन को प्रारम्भिक आयतन का आधा कर दिया जाता है। गैस का अन्तिम दाब होगा
नीचे दिखाए गए चित्रानुसार, कोई आदर्श गैस एक समान अवस्था से आरम्भ करके चार अलग-अलग प्रक्रमों से गुजरती है। ये
प्रक्रम रूद्धोष्म, समतापीय, समदाबीय एवं समआयतनिक हैं। $1 , 2,3$ एवं $4$ में से वह वक्र जो रुद्धोष्म प्रक्रम को निरूपित करता है, वह है :
$27°C$ पर हीलियम का आयतन $8$ लीटर है। अचानक दबाकर इसका आयतन $1$ लीटर कर दिया जाता है। इस गैस का ताप ....... $^oC$ होगा $[\gamma = 5/3]$
साइकिल के टायर का अचानक फटना है
किसी एक परमाणुक गैस का दाब $P_{1}$ और आयतन $V_{1}$ है। इसको रूद्धोष्म रूप से प्रारंभिक आयतन के $1 / 8$ तक संपीडित किया जाता है, गैस का अंतिम दाब ........ $P_1$ होगा