एक रुद्धोष्म संपीड़न के दौरान, एक द्विपरमाणुक आदर्श गैस के $2$ मोल का आयतन $50 \%$ कम किये जाने में $830 J$ का कार्य करना पड़ता है। इसके तापमान में परिवर्तन है लगभग $\dots K$: $\left( R =8.3 JK ^{-1} mol ^{-1}\right)$
$40$
$33$
$20$
$14$
$27°C$ पर हीलियम का आयतन $8$ लीटर है। अचानक दबाकर इसका आयतन $1$ लीटर कर दिया जाता है। इस गैस का ताप ....... $^oC$ होगा $[\gamma = 5/3]$
जब गैस का रुद्धोष्म प्रसार होता है
एक इंजिन, $20^{\circ} C$ ताप एवं $1$ वायुमंडलीय दाब पर $5$ मोल हवा लेकर मूल आयतन का $\frac{1}{10}$ रूद्धोष्म रूप से संपीड़ित करता है। हवा को दृढ़ अणुओं से बना द्विपरमाण्विक आदर्श गैस मानते हुए इस प्रक्रिया में आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन $XKJ$ है। $X$ का मान निकटतम पूर्णांक में है
किसी निकाय द्वारा किया गया कार्य इसकी आन्तरिक ऊर्जा में कमी के बराबर है। निकाय के परिवर्तन का प्रकार है
$\gamma = 1.4$ वाली गैस के एक मोल को रुद्धोष्म रूप से संपीडित किया जाता है। जिससे उसका ताप $27°C$ से $35°C$ तक बढ़ जाता है। गैस की आन्तरिक ऊर्जा में ....... $J$ परिवर्तन होगा $(R = 8.3\,J/mol.K)$