एक प्रोटॉन, जिसका द्रव्यमान $ 1.6 \times 10^{-27}$ किलोग्राम है $0.10$ मीटर त्रिज्या वाली वृत्ताकार कक्षा में, घूम रहा है। इस पर कार्यरत अभिकेन्द्रीय बल $4 \times 10^{-13}\, N$ है। तब प्रोटॉन के परिक्रमण की आवृति है
$0.08 \times 10^8 $चक्कर प्रति सैकण्ड
$4 \times 10^8 $ चक्कर प्रति सैकण्ड
$8 \times 10^8 $ चक्कर प्रति सैकण्ड
$12 \times 10^8 $ चक्कर प्रति सैकण्ड
एक $m$ द्रव्यमान का कण $L$ लम्बाई के डोरी से एक छत से निलम्बित किया जाता है। कण $r$ त्रिज्या के क्षैतिज वत्त में इस प्रकार गति है कि $r =\frac{ L }{\sqrt{2}}$ हो। कण की चाल होगी।
एकसमान वृत्तीय गति में
कोई वायुयान $900\, km h ^{-1}$ की एकसमान चाल से उड़ रहा है और $1.00\, km$ त्रिज्या का कोई क्षैतिज लूप बनाता है । इसके अभिकेंद्र त्वरण की गुरुत्वीय त्वरण के साथ तुलना कीजिए |
एक रेलगाड़ी उत्तर दिशा में जा रही है। एक स्थान पर यह उत्तर-पूर्व की ओर मुड़ जाती है, तो यहाँ हम देखते हैं कि
$10 \mathrm{~m}$ त्रिज्या वाले वृत्ताकार पथ पर एक वस्तु नियत चाल से चल रही हैं। यह वस्तु $4$ सेकेण्ड में एक चक्कर पूरा करती है। $3$ सेकेण्ड के अन्त में वस्तु का इसकी प्रारम्भिक स्थिति से विस्थापन है :