एक $\gamma=1.5$ वाले गैस सैम्पल में रूद्धोष्म प्रक्रम होता है जिसमें आयतन $1200$ सेमी $^{3}$ से $300$ सेमी $^{3}$ तक सम्पीडित होता है। यदि प्रारम्भिक दाब $200 \,k\,Pa$ हो, तो प्रक्रम में गैस द्वारा कत कार्य का परन मान $......$ जूल होता है।
$0.5$
$240$
$48$
$480$
$1$ मोल हीलियम गैस रुद्धोष्म रीति से प्रारम्भिक अवस्था $({P_i},{V_i},{T_i})$ से अंतिम अवस्था $({P_f},{V_f},{T_f})$ तक प्रसारित होती है आंतरिक ऊर्जा में होने वाली कमी है
एक गैस, जिसका प्रारंभिक तापमान $T$ है, को आकस्मिक प्रसार के द्वारा आयतन $V$ से $2 V$ पर लाया जाता है. तब
कोई एकल परमाणवीय गैस, दाब $P$ एवं आयतन $V$ पर रखी है, इसका आयतन का अचानक से, इसके वास्तविक आयतन के $1 / 8$ भाग तक संपीडन किया जाता है। स्थिर ऐनट्रापी पर अंतिम दाब का मान क्या होगा ?
द्विपरमाणुक गैस के $1$ मोल को $(\gamma = 1.4)$ रुद्धोष्म रूप से संपीड़ित किया जाता है, जिससे इसका ताप $27°C$ से बढ़कर $127°C$ हो जाता है तो सम्पन्न कार्य होगा
रुद्धोष्म प्रसार में