एक छोटा चुम्बक जिसका चुम्बकीय आघूर्ण $ 6.75\, Am^2$ है। इसके अक्ष पर उदासीन बिन्दु प्राप्त होता है यदि पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता का क्षैतिज घटक $5 \times {10^{ - 5}}\,Wb/{m^2}$ है तो उदासीन बिन्दु की दूरी.....$cm$ होगी
$10$
$20$
$30$
$40 $
एक चुम्बक को चार समान भागों में इस प्रकार विभाजित किया जाता है कि प्रत्येक छोटे भाग की लम्बाई एवं चौड़ाई, प्रारम्भिक मान की आधी हो जाती है तो प्रत्येक भाग का ध्रुव सामथ्र्य होगा
समान चुम्बकीय आघूर्ण $M $ के दो एकसमान छड़चुम्बक $P$ एवं $Q$ लिये गये हैं। यदि $P$ को इसकी अक्षीय रेखा के परित: तथा $Q$ को इसकी निरक्ष के परित: काट दिया जाय तो चारों भागों में
दो समान दण्ड चुम्बकों, जिसके केन्द्र $r $ मीटर दूरी पर हैं, के अक्ष एक ही रेखा पर हों, तब $4.8 \,N $ का बल लगता है। यदि इनके मध्य की दूरी $2r$ कर दी जाये, तो उनके बीच बल का मान .........$N$ कम हो जायेगा
$10^4\,J/T$ जूल प्रति टेसला चुम्बकीय आघूर्ण का एक छड़ चुम्बक क्षैतिज तल में स्वतंत्रतापूर्वक घूम सकता है $4×10^{-5}\, T$ टेसला के क्षैतिज चुम्बकीय क्षेत्र में इस छड़ चुम्बक को क्षेत्र की समानान्तर दिशा में $ 60°$ कोण तक घुमाने हेतु किए गए कार्य का मान .....$J$ होगा
एक दण्ड चुम्बक उत्तर-दक्षिण दिशा में रखा जाता है। यदि उसका उत्तरी ध्रुव उत्तर की ओर हो तो शून्य तीव्रता वाले बिन्दुओं की दिशा चुम्बक के केन्द्र से किस ओर होगी