$2$ सेमी लम्बी छड़ चुम्बक के अक्ष के लम्बवत्, विपरीत और उसके केन्द्र से $ x $ तथा $3x $ दूरियों पर दो बिन्दु $A$ व $B$ स्थित हैं $A$ व $B$ पर चुम्बकीय क्षेत्रों का अनुपात होगा, लगभग
$1:9$
$2:9$
$27:1$
$9:1$
एक धारावाही लूप चुम्बकीय क्षेत्र में व्यवहार करता है
एक लघु चुम्बक को एक क्षैतिज धात्विक वलय के अक्ष के अनुदिश ऊपर से गिराया जाता है। विराम से $1\, sec$ पश्चात् चुम्बक द्वारा तय की गई दूरी ......$m$ हो सकती है
$(a)$ क्या होता है जबकि एक चुंबक को दो खंडों में विभाजित करते हैं $(i)$ इसकी लंबाई के लंबवत $(ii)$ लंबाई के अनुदिश?
$(b)$ एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में रखी गई किसी चुंबकीय सुई पर बल आघूर्ण तो प्रभावी होता है पर इस पर कोई परिणामी बल नहीं लगता। तथापि, एक छड़ चुंबक के पास रखी लोहे की कील पर बल आघूर्ण के साथ-साथ परिणामी बल भी लगता है। क्यों?
$(c)$ क्या प्रत्येक चुंबकीय विन्यास का एक उत्तरी और एक दक्षिणी ध्रुव होना आवश्यक है? एक टोरॉयड के चुंबकीय क्षेत्र के संबंध में इस विषय में अपनी टिप्पणी दीजिए।
$(d)$ दो एक जैसी दिखाई पड़ने वाली छड़ें $A$ एवं $B$ दी गई हैं जिनमें कोई एक निश्चित रूप से चुंबकीय है, यह ज्ञात है (पर, कौन सी यह ज्ञात नहीं है )। आप यह कैसे सुनिश्चित करेंगे कि दोनों छड़ें चुंबकित हैं या केवल एक? और यदि केवल एक छड़ चुंबकित है तो यह कैसे पता लगाएँगे कि वह कौन सी है। [ आपको छड़ों $A$ एवं $B$ के अतिरिक्त अन्य कोई चीज प्रयोग नहीं करनी है। $]$
दो चुम्बक जिसका चुम्बकीय आघूर्ण $M$ तथा $2 M$ है एक वाईब्रेशन मैग्नेटोमीटर में रखी है। यदि दोनों के सम ध्रुव साथ हो तो आवर्तकाल $T _{1}$ तथा विषम ध्रुव साथ हो तो आर्वत काल $T _{2}$ है। तो-
दो छोटे-छोटे छड़ चुम्बक एक रेखा में $d $ दूरी पर इस प्रकार रखे हैं कि उनके समान ध्रुव एक-दूसरे की ओर हैं । यदि प्रत्येक चुम्बक की लम्बाई $d $ के मुकाबले नगण्य हो, तो दोनों चुम्बकों के बीच बल निम्न के व्युत्क्रमानुपाती होगा