$M$ चुम्बकीय आघूर्ण और $m$ ध्रुव सामथ्र्य के चुम्बक को दो समान भागों में विभाजित किया जाता है तो प्रत्येक भाग का चुम्बकीय आघूर्ण होगा
$M$
$M/2$
$M/4$
$2M$
एक नाल चुम्बक (अर्द्धवृत्ताकार) चुम्बक के ध्रुवों के बीच की दूरी $0.1\, m$ है एवं ध्रुव सामथ्र्य $0.01\, amp-m$ है। ध्रुवों के बीच में मध्य बिन्दु पर चुम्बकीय प्रेरण होगा
$1000$ $A{m^2}$ चुम्बकीय आघूर्ण के दो छड़ चुम्बक चित्र में दिखाये अनुसार $10\, cm$ भुजा वाले एक वर्ग के चारों कोनों पर रखें हैं। $P$ पर कुल चुम्बकीय प्रेरण.......$T$ होगा
दो चुम्बकीय द्विध्रुवों $X$ तथा $Y$ को चित्रानुसार $d$ दूरी पर, उनके अक्षों को परस्पर लम्बवत् करके, रखा है। $Y$ का द्विध्रुव आघूर्ण $X$ का दो गुना है। $q$ आवेश का एक कण इन दोनों के ठीक मध्य बिंदु $P$ से क्षैतिज रेखा से $\theta=45^{\circ}$ के कोण पर, चित्रानुसार, गुजरता है। इस क्षण पर कण पर एक लगे बल का परिमाण क्या होगा ?
(दिया है : $d$ द्विध्रुव के आकार (dimensions) से अत्यधिक बड़ा है)
एक चुम्बक की प्रभावकारी लम्बाई $ 31.4 \,cm$ है एवं इसकी ध्रुव सामथ्र्य $0.5 \,Am $ है। यदि इसे अर्द्धवृत्त के रूप में मोड़ दिया जाये तो नया चुम्बकीय आघूर्ण ....$A{m^2}$ होगा
एक धारावाही लूप चुम्बकीय क्षेत्र में व्यवहार करता है