एक सरल लोलक को ट्रोली में रखा जाता है जोकि $a$ त्वरण से एक क्षैतिज सतह पर दायीं ओर गतिमान है तो मध्य स्थिति में लोलक का धागा ऊध्र्वाधर से कोण बनाता है
${\tan ^{ - 1}}\frac{a}{g}$ आगे की दिशा में
${\tan ^{ - 1}}\frac{a}{g}$ पीछे की दिशा में
${\tan ^{ - 1}}\frac{g}{a}$ पीछे की दिशा में
${\tan ^{ - 1}}\frac{g}{a}$ आगे की दिशा में
एक पेन्डुलम घड़ी $40^{\circ} C$ वापमान पर $12\, s$ प्रतिदिन धीमी हो जाती है तथा $20^{\circ} C$ तापमान पर $4 \,s$ प्रतिदिन तेज़ हो जाती है। तापमान जिस पर यह सही समय दर्शायेगी तथा पेन्डुलम की धातु का रेखीय-प्रसार गुणांक $(\alpha)$ क्रमशः हैं:
$0.5$ मी. तथा $2.0$ मी. लम्बाई के दो सरल लोलकों को एक ही दिशा में एक साथ अल्प रेखीय विस्थापन दिया जाता है। वे पुन: समान कला में तब होंगे जब छोटा लोलक दोलन पूरे कर लेगा
एक खोखले गोले को उसमें बने हुए एक छिद्र द्वारा पानी से भरा जाता है। तत्पश्चात् उसे एक लम्बे धागे द्वारा लटकाकर दोलायमान किया जाता है। जब तल में स्थित छिद्र से पानी धीरे-धीरे बाहर निकलता है, तो गोले का दोलनकाल
सरल लोलक की लम्बाई में $2\% $ की वृद्धि कर देने पर उसके आवर्तकाल में